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GST Appellate Tribunal: झट से सुलझ जाएंगे जीएसटी से जुड़े विवाद, लोकसभा ने अपीलीय न्यायाधिकरण को दी मंजूरी

GST Appellate Tribunal जीएसटी के विवादों को सुलझाने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण को बनाने की मंजूरी लोकसभा से मिल चुकी है। इस पीठ के आने से इन विवादों को सुलझाने में तेजी आएगी और हर राज्य में इसे स्थापित किया जाएगा। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghFri, 24 Mar 2023 02:03 PM (IST)
GST Appellate Tribunal: झट से सुलझ जाएंगे जीएसटी से जुड़े विवाद, लोकसभा ने अपीलीय न्यायाधिकरण को दी मंजूरी
Lok Sabha approves GST Appellate Tribunal, See Details Here

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वस्तु एवं सेवा कर (GST) में होने वाले विवादों के निपटारे के लिए जल्द ही अपीलीय न्यायाधिकरण (Appellate Tribunal) का गठन किया जा रहा है। लोकसभा ने इसके लिए शुक्रवार को वित्त विधेयक में बदलाव की मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि GST विवादों का अब झट से निपटारा हो सकेगा।

शुक्रवार को लोकसभा द्वारा पारित वित्त विधेयक 2023 में प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की पीठ हर राज्य में स्थापित की जाएगी, जबकि दिल्ली में एक प्रधानपीठ होगी, जो Place of Supply से संबंधित अपीलों की सुनवाई करेगी।

जल्दी हो सकेगी सुनवाई

GST को देश में लागू किए पांच साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। इस वजह से इससे जुड़े कई कानूनी मामले जमा हो गए हैं, जो सुनवाई के इंतजार में हैं। ऐसे में अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन से इन मामलों को सुलझाने में तेजी आएगी। साथ ही, उच्च न्यायालयों, सर्वोच्च न्यायालय का बोझ कम हो सकेगा।

होगी चार सदस्यीय टीम

कहा जा रहा है कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की पीठ हर राज्य में स्थापित की जाएगी, जिसमें 4 सदस्यीय टीमें होंगी। प्रत्येक राज्य अपीलीय न्यायाधिकरण में दो तकनीकी सदस्य होंगे, जिसमें एक केंद्र और एक राज्यों से अधिकारी होंगे। दो न्यायिक सदस्यों वाली एक खंडपीठ होगी, जिसमें एक सदस्य तकनीकी होगा और एक न्यायिक। 

पीठ गठन में लगेंगे 7-8 महीने

बेंच में न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक चयन समिति का गठन किया जा रहा है, जो केंद्र और राज्य के टैक्स अधिकारियों से इस बारे में चर्चा करके पीठ की नियुक्ति करेगी। कहा जा रहा है कि प्रक्रिया में लगभग 7-8 महीने लगेंगे। जीएसटी कानून में प्रस्तावित बदलावों में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों को अधिक बेंच स्थापित करने की अनुमति देने की बात भी कही जा रही है।