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Vande Bharat: फ्रांस की Alstom रेल कंपनी बनाएगी स्लीपर कोच वाली वंदे भारत, इतने रुपये में तैयार होगी एक ट्रेन

वंदे भारत को स्लीपर कोच में चलाने की कवायद तेज करते हुए सरकार ने इसकी जिम्मेदारी फ्रांसीसी रेल कंपनी एल्सटॉम को दी है। यह कंपनी एक ट्रेन 150 करोड़ रुपये में बनाएगी जिसकी स्पीड क्षमता 200 किमी प्रति घंटे तक दौड़ने की होगी।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarPublished: Thu, 01 Jun 2023 01:59 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jun 2023 02:49 PM (IST)
France's Alstom rail company will make Vande Bharat with sleeper coach

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: देश की सबसे आधुनिक ट्रेन वंदे भारत को अब स्लीपर कोच में लाने की तैयारी शुरू हो गई है। फ्रांसीसी रेल कंपनी एल्सटॉम (Alstom) स्लीपर सुविधा के साथ 100 एल्यूमीनियम बॉडी वाली वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण करेगी।

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आपको बता दें कि अन्य कंपनी की तुलना में इस कंपनी ने प्रति ट्रेन 150.9 करोड़ रुपये की कीमत की सबसे कम बोली लगाई थी।

टेंडर में शामिल थीं दो कंपनियां

वंदे भारत ट्रेन को स्लीपर कोच में बनाने के लिए दो कंपनियों ने बोली लगाई थी। पहली एल्सटॉम और दूसरी हैदराबाद की मेधा सर्वो ड्राइव्स (Medha Servo Drives) थी। मेधा सर्वो ने प्रति ट्रेन 169 करोड़ रुपये की कीमत पर बोली लगाई थी, वहीं एल्सटॉम ने प्रति ट्रेन 150.9 करोड़ रुपये में ट्रेन को बनाने का दावा किया था।

वर्तमान में इतने रुपये में बन रही है वंदे भारत

फिलहाल देश में कुल 18 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं और देश में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के निर्माण में औसतन 120 करोड़ रुपये का खर्च आता है।

इस ट्रेन को स्टेनलेस स्टील बॉडी की तुलना में एल्युमिनियम बॉडी से बनाया जाएगा, जिसकी वजह से ट्रेन का वजन हल्का होगा। इस ट्रेन की क्षमता 200 किमी प्रति घंटे की होगी। वंदे भारत ट्रेन का नाम पहले ट्रेन 18 हुआ करता था जिसे फिर बाद में सरकार ने बदल कर वंदे भारत कर दिया। 

ट्रैक को किया जा रहा है अपडेट

देश में इस समय जो वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं, उनकी क्षमता 160 किमी की स्पीड में चलने की है, लेकिन पटरियों के अपडेट ना होने के कारण फिलहाल अभी वंदे भारत ट्रेन 80 से 90 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल रही है। भारतीय रेलवे पटरियों को अपडेट करने के लिए लगातार काम कर रहा है।

ये कंपनियां भी कर रहीं ट्रेनों का निर्माण

फ्रांस की कंपनी जो 100 एल्युमीनियम बॉडी वाली ट्रेन बनाएगी, वो रूसी TMH और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम RVNL कंसोर्टियम द्वारा निर्मित की जाने वाली 120 ट्रेनों के साथ-साथ टीटागढ़ वैगन्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) कंसोर्टियम द्वारा निर्मित की जाने वाली 80 ट्रेनों के अतिरिक्त है।

 


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