सरकारी बैंको के विलय की योजना पर वित्त मंत्रालय ने शुरू कर दिया है काम
नए सिरे से बैंकों का विलय इस चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के बीच शुरू हो सकता है। वित्त मंत्रालय द्वारा इसकी योजना तैयार की जा रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नए सिरे से बैंकों का विलय इस चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के बीच शुरू हो सकता है। वित्त मंत्रालय द्वारा इसकी योजना तैयार की जा रही है। मंत्रालय ने बैंको के विलय और अधिग्रहण के लिए पब्लिक सेक्टर के बैंकों (पीएसबी) से संभावित लक्ष्यों की जानकारी मांगना भी शुरू कर दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सभी पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSB) के प्रमुखों को अपनी एकीकरण की योजना के साथ तैयार रहने के लिए कहा गया है ताकि नई सरकार बनने पर वैकल्पिक तंत्र (एएम) के सामने इसे रखा जा सके। वैकल्पिक तंत्र (एएम) वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह है, जिसका निर्माण 2017 में बैंकों के एकीकरण के कार्य को तेजी से पूरा करने और बैंकों को मजबूत व प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, इसके बाद जो बैंकों के विलय का अगला चरण होगा, वह वित्त वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में शुरु हो सकता है। विलय के पहले पीएसबी को अपनी बैलेंस शीट को सही करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।
बता दें कि पिछले साल वैकल्पिक तंत्र द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दी गई थी। वहीं साल 2017 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके 5 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय हुआ था। वहीं इस साल पंजाब नेशनल बैंक के साथ 4 छोटे बैंकों का विलय किया जा सकता हैं। इन 4 बैंकों में सिंडिकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक के नाम सामने आ रहे हैं।
हालांकि, विलय तभी होगा जब सभी संबंधित बैंक विलय के संबंध में अपना प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया से भी इस संबंध में उनकी राय पूछी जा सकती है। हालांकि, वित्त मंत्रालय चाहता है कि, बैंक सर्वश्रेष्ठ मैच के लिए पहले आपस में चर्चा करें और आंतरिक प्रयोग करें, उसके बाद विलय के विचार के साथ सामने आएं।
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