PSU कंपनियों को बेचने की कोई हडबड़ी नहीं, नीति के तहत कार्य कर रही सरकार: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
विपक्ष के सभी सरकारी कंपनियों को बेचने के आरोप पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष कहता है कि हम सभी सरकारी कंपनियों को बेच रहे हैं। ऐसा नहीं है। इस मामले में सरकार की नीति स्पष्ट है। (जागरण फाइल फोटो)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार सार्वजनिक कंपनी को लेकर एक नीति है और उसी के तहत कार्य किया जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा समय में ग्रोथ के सभी फैक्टर्स मौजूद हैं, जिसमें मध्यम वर्ग, परचेसिंग पावर के साथ बाजार, टेक्नोलॉजी केद्रित पब्लिक निवेश, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और अच्छी कानून व्यवस्था शामिल है।
वित्त मंत्री की ओर से ये बयान दिल्ली में चल रहे टिंक टेक ओआरएफ के रायसीना डायलॉग में दिया गया है। इस कार्यक्रम वित्त मंत्री के अलावा देश-दुनिया के बड़े बुद्धिजीवी शामिल होते हैं।
विपक्ष के आरोपों का दिया जवाब
सीतारमण ने विपक्ष की ओर से सार्वजनिक कंपनियों को बेचने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि भारत में ऐसा कोई सेक्टर नहीं है, जो कि निजी क्षेत्र के उपलब्ध न हो। सरकार की सार्वजनिक कंपनियों को लेकर नीति स्पष्ट है। विपक्ष भी पूरी तरह से इसका अर्थ समझता है, लेकिन कहा जाता है। हम सभी सरकारी कंपनियों को बेच रहे हैं। सरकार सबकुछ बेचने की हड़बड़ी में नहीं है। ऐसे में जहां सरकार को नहीं होना चाहिए, वहां नहीं होगी। लेकिन जहां रणनीतिक हितों के कारण होना चाहिए, वहां दूरसंचार क्षेत्र की तरह सरकार रहेगी। दूरसंचार समेत चार प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों में सरकार की मौजूदगी बनी रहेगी।
बता दें, चार प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष व रक्षा और परिवहन व दूरसंचार, बिजली-पेट्रोलियम-कोयला व अन्य खनिज और बैंकिंग-बीमा व वित्तीय सेवाएं शामिल हैं।
राजस्व प्राप्तियों की डेली मॉनिटरिंग होगी
वित्त मंत्रालय ने राजस्व प्राप्तियों की डेली मॉनिटरिंग एक मार्च से करनी शुरू कर दी है, जिसमें कर संग्रह के साथ व्यय शामिल है। इसका उद्देश्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखना है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, डेली मॉनिटरिंग से सरकार कर राजस्व के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही समय पर एक्शन ले पाएगी।
केंद्र सरकार ने राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। जनवरी 2023 तक राजकोषीय घाटा बजट के लक्ष्य 11.91 लाख करोड़ रुपये के 6.4 प्रतिशत को प्राप्त कर चुका है।
वहीं, चालू वित्त वर्ष के लिए रखे गए 50,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य भी सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है, क्योंकि सरकार अब तक केवल 31,106 करोड़ रुपये ही जुटा सकी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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