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अक्टूबर से फर्जी आयकर नोटिस की गुंजाइश ही हो जाएगी खत्म, CBDT कर रही है यह व्‍यवस्‍था

अब सीबीडीटी ने अधिसूचना जारी कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे 1 अक्टूबर के बाद असेसी के साथ किये जाने वाले सभी तरह के पत्र व्यवहार के लिए कंप्यूटर आधारित डिन नंबर जारी करें

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 09:09 AM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 06:37 AM (IST)
अक्टूबर से फर्जी आयकर नोटिस की गुंजाइश ही हो जाएगी खत्म, CBDT कर रही है यह व्‍यवस्‍था
अक्टूबर से फर्जी आयकर नोटिस की गुंजाइश ही हो जाएगी खत्म, CBDT कर रही है यह व्‍यवस्‍था

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आयकर विभाग पर ‘टैक्स टेररिज्म’ के आरोपों के मद्देनजर सरकार अब विभाग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने में जुट गई है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बुधवार को एलान किया कि इस वर्ष पहली अक्टूबर से आयकर विभाग के अधिकारी असेसी (जिसके आयकर का मूल्यांकन होना है) के साथ जो भी पत्रचार करेंगे, उन पर डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) देना होगा। माना जा रहा है कि विभाग के इस कदम से न सिर्फ आयकर अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि असेसी को फर्जी इनकम टैक्स नोटिस भेजे जाने की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी। 

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सीबीडीटी ने एक बयान जारी कर कहा कि टैक्स प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और सेवा में सुधार के लिए आयकर विभाग के लगभग सभी नोटिस और आदेश इनकम टैक्स बिजनेस एप्लीकेशन प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक ढंग से जारी किए जा रहे हैं। हालांकि ऐसे मामले भी प्रकाश में आए हैं जहां असेसी को भेजे नोटिस या पत्र का कोई लेखाजोखा उपलब्ध नहीं है। यही वजह है कि अब सीबीडीटी ने अधिसूचना जारी कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पहली अक्टूबर के बाद असेसी के साथ किये जाने वाले सभी तरह के पत्र व्यवहार के लिए कंप्यूटर आधारित डिन नंबर जारी करके उसका स्पष्ट उल्लेख करें। उन्हें असेसी को नोटिस भेजने से लेकर, असेसमेंट, अपील, आदेश, छूट, जांच और जुर्माना और अभियोजन सहित सभी तरह की कार्रवाई में डीआइएन नंबर का इस्तेमाल करना होगा। 

हालांकि, सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि अपवाद-स्वरूप कुछ मामलों में यह नियम लागू नहीं होगा। लेकिन ऐसे मामलों में असेसी के साथ पत्रचार करने के लिए महानिदेशक या कमिश्नर के स्तर के अधिकारियों से पूर्व मंजूरी लेनी होगी। सीबीडीटी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब हाल ही में उद्योग जगत ने टैक्स अधिकारियों द्वारा परेशान करने की शिकायत की है।

वहीं, विपक्ष ने भी सरकार पर टैक्स टेररिज्म का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि ईमानदार और कानून का पालन करने वाले करदाताओं को आयकर विभाग के द्वारा परेशान नहीं किया जाएगा। सीबीडीटी का कहना है कि टैक्स अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए करदाताओं को बेहतर सेवा देने की दिशा में डिन एक और कदम है।


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