Financial Tips: पैसे की नहीं होगी कभी कमी, ध्यान रखें ये चार बातें
COVID-19 महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। कोरोना ने यह सिखाया है कि ऐसी अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहने की जरूरत है। ऐसे में कुछ वित्तीय टिप्स हैं जिन्हें फॉलो करके आप पैसे की किल्लत से बच सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। COVID-19 महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। कोरोना ने यह सिखाया है कि ऐसी अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहने की जरूरत है। ऐसे में कुछ वित्तीय टिप्स हैं जिन्हें फॉलो करके आप पैसे की किल्लत से बच सकते हैं।
इमरजेंसी फंड
सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं, एक इमरजेंसी फंड अप्रत्याशित घटनाओं जैसे कि चिकित्सा आवश्यकताओं, नौकरी छूटने आदि के दौरान सहारा होता है। हालांकि व्यक्ति ऐसी स्थितियों में पर्सनल लोन का विकल्प चुन सकते हैं, उन्हें इस मामले में तैयार रहना चाहिए।
जरूरत और गैर जरूरी के बीच अंतर करें
जितेंद्र सोलंकी कहते हैं, जरूरतों और चाहतों के बीच के अंतर को ध्यान में रखना जरूरी है, ताकि व्यक्ति बेहतर खर्च करने के विकल्प चुन सकें। जीवित रहने के लिए लोगों के पास जो चीजें होनी चाहिए, वे हैं, भोजन, घर, स्वास्थ्य देखभाल, उचित मात्रा में कपड़े, आदि। इसलिए यह तय कर लें कि पहले जरूरतें क्या हैं।
दूसरी ओर कई ऐसे काम होते हैं जिनकी वास्तव में आवश्यकता नहीं है। कोई भी वित्तीय निर्णय लेते समय जरूरतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जरूरतें पूरी होने के बाद ही उन्हें पैसे का इस्तेमाल अपनी जरूरतों के लिए करना चाहिए।
नियमित आधार पर चेक करें क्रेडिट रिपोर्ट
सभी गतिविधियों के बारे में सतर्क रहने के लिए हर समय क्रेडिट रिपोर्ट पर नज़र रखना एक नियमित अभ्यास होना चाहिए। सोलंकी के अनुसार, लोगों को किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि के लिए क्रेडिट रिपोर्ट की निगरानी करनी चाहिए ताकि वे इस तरह के मसलों से जल्द से जल्द निपट सकें, इससे पहले कि इससे क्रेडिट स्कोर को नुकसान हो।
जरूरत पड़ने पर पॉकेट फ्रेंडली पर्सनल लोन का विकल्प चुनें
जरूरत के समय हर कोई पर्सनल लोन की ओर रुख करता है। हालांकि, लोन लेने से पहले सभी डिटेल की जांच करना बेहद जरूरी है। सोलंकी कहते हैं, लोगों को तुलना करना और पर्याप्त रिसर्च करना चाहिए और चुकौती क्षमता के आधार पर एक विकल्प चुनना चाहिए। अतिरिक्त ब्याज शुल्क का भुगतान करने से बचने के लिए सभी अलग-अलग कर्जदाताओं द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों और रीपेमेंट अवधि की तुलना करना भी उचित है।