पोस्ट ऑफिस की इन 5 सेविंग स्कीम्स में मिलता है गारंटीड टैक्स बेनिफिट, जानिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना को जनवरी 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लॉन्च किया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत में लंबे समय के लिए अपने पैसे को निवेश करने के संबंध में विकल्पों की कोई कमी नहीं है। इनमें से कुछ गारंटीड टैक्स बेनिफिट देते हैं। यहां पर यह बात ध्यान दिलाए जाने लायक है कि पोस्ट ऑफिस में संचालित होने वाली अधिकांश स्कीम्स भी निवेशकों को गारंटीड टैक्स बेनिफिट का फायदा देती हैं। इन स्कीम्स में टैक्स बेनिफिट्स के साथ बेहतर रिटर्न भी दिया जाता है।
पोस्ट ऑफिस की जिन स्कीम्स में गारंटीड टैक्स बेनिफिट की सुविधा मिलती है उनमें सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना प्रमुख हैं। ये सभी निवेश योजनाएं सुरक्षित होने के साथ साथ बेहतर रिटर्न भी देती हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ): लंबी अवधि के निवेश विकल्पों के लिए यह एक बेहतर योजना है, जिसे बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं पर भी खुलवाया जा सकता है। इसकी मैच्योरिटी की अवधि (टैन्योर) 15 वर्ष की होती है। पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ स्कीम में फिलहाल 8 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है। पीपीएफ टैक्स की एग्जेंम्प्ट, एग्जेंम्प्ट, एग्जेंम्प्ट कैटेगरी में आता है। इसका मतलब हुआ कि इस खाते के मैच्योर होने पर मिलने मिलने वाली राशि, इस पर मिलने वाला रिटर्न और ब्याज आय तीनों इनकम टैक्स के छूट के दायरे में आती हैं। इस खाते में जमा की जाने वाली राशि आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है। इस अकाउंट में जमा राशि के कुछ हिस्से को आप सात वित्त वर्ष बीत जाने के बाद ही निकाल सकते हैं। इसमें एक वित्त वर्ष के दौरान न्यूनतम निवेश 500 रुपये और अधिकतम निवेश 1,50,000 रुपये का हो सकता है।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी): छोटी अवधि के निवेश के लिहाज से यह एक बेहतर स्कीम है। इसका मैच्योरिटी पीरियड पांच वर्ष का होता है। पोस्ट ऑफिस की एनएससी के अंतर्गत वर्तमान में 8 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है, जिसकी गणना सालाना आधार पर की जाती है। पीपीएफ के विपरीत इस स्कीम में अधिकतम निवेश के लिए कोई सीमा नहीं है, जबकि इसमें 100 रुपये का न्यूनतम अकाउंट बैलेंस होना चाहिए। इस खाते में जमा राशि आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है। इसके अंतर्गत आप एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये की कर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस): 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए यह एक अन्य पापुलर स्कीम है। इसके अलावा वे लोग जिन्होंने स्वैच्छिक रुप से 60 वर्ष की आयु से पहले ही (55 वर्ष की आयु में) सेवानिवृत्ति (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले ली है वो भी इस स्कीम में अपना खाता खुलवा सकते हैं। एनएससी की तरह एससीएसएस में भी पांच वर्ष का टेन्योर होता है और आप इसे तीन अतिरिक्त वर्षों के लिए विस्तार भी दे सकते हैं। वर्तमान में इस स्कीम में 8.7 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है। इस खाते में 15 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश नहीं किया जा सकता है। इस स्कीम में भी राशि आयकर की धारा 80C के अंतर्गत 1.5 लाख तक की कर छूट प्राप्त करने का मौका मिलता है।
सुकन्या समृद्धि योजना स्कीम (एसएसवाईएस): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना को जनवरी 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लॉन्च किया था। यह बच्ची के वित्तीय भविष्य के लिहाज से एक शानदार स्कीम मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सरकार समर्थित स्कीम है और इस पर ब्याज दर भी काफी अच्छी है। इसका खाता आप किसी भी अधिकृत वाणिज्यिक बैंक या फिर भारतीय डाकघर में खुलवा सकते हैं। इस खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। इस खाते पर मिलने वाली ब्याज दर 8.5 फीसद है। इस खाते में जमा राशि भी आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है। यानी मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली आय कर छूट के दायरे में आती है। इस खाते में सालाना 1000 रुपये के मिनिमम डिपॉजिट को सरकार ने घटाकर 250 रुपये कर दिया है।
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट: इस खाते में जमा राशि पर ब्याज सालाना आधार पर दिया जाता है लेकिन उसकी गणना तिमाही आधार पर की जाती है। इसमें जमा करने की कोई लिमिट नहीं हैं। खाते को आप दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर करवा सकते हैं। इस स्कीम में लॉक इन पीरियड पांच वर्षों का होता है, लेकिन इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इस खाते में जमा राशि भी आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है। यानी आप एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट का दावा कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दरें निम्न हैं...