Public Provident Fund: जानिए कैसे PPF पर पाया जा सकता है अधिकतम रिटर्न, बढ़ जाएगा मुनाफा
PPF अगर पांच तारीख से पहले ही पीपीएफ अकाउंट में पैसे डाल दिये जाएं तो ब्याज की गणना की अवधि के दौरान न्यूनतम बैलेंस अधिक रहता है। PC Pixabay
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत में काफी लोकप्रिय लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प है। इसके कई सारे कारण है। इनमें उच्च रिटर्न, कर लाभ और ब्याज व मूलधन की संप्रभु गारंटी भी शामिल हैं। इस योजना में निवेश करके निवेशक एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार करने के अलावा बच्चों की शिक्षा व उनकी शादी सहित कई सारे बड़े खर्चों के लिए भी धन जमा कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि इस योजना में ब्याज आय, सालाना निवेश और मैच्योरिटी राशि तीनों में ही ब्याज छूट मिलती है।
सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। अर्थात पीपीएफ में जुलाई से सितंबर के दौरान भी 7.10 फीसद की दर से ब्याज मिलना जारी रहेगा। पीपीएफ में ब्याज की गणना हर महीने होती है, लेकिन वित्त वर्ष के आखिर में ही इसे क्रेडिट किया जाता है। पीपीएफ के कई निवेशक एक छोटी सी जानकारी के अभाव में अधिक ब्याज प्राप्त करने से चूक जाते हैं। आइए जानते हैं कि वह क्या है।
पीपीएफ स्कीम का नियम है कि इसमें ब्याज की गणना महीने की पांच तारीख से महीने के आखिर तक पीपीएफ अकाउंट में जमा न्यूनतम राशि पर होती है। यदि पांच तारीख से पहले ही पीपीएफ अकाउंट में पैसे डाल दिये जाएं, तो ब्याज की गणना की अवधि के दौरान न्यूनतम बैलेंस अधिक रहता है। अगर आप सालाना आधार पर पीपीएफ में निवेश कर रहे हैं, तो भी आपको अपने पीपीएफ अकाउंट में राशि पांच अप्रैल से पहले डालनी चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको योजना में अधिकतम ब्याज मिल सकेगा।
महीने की पाच तारीख के बाद पैसा जमा कराने पर स्थिति
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति अप्रैल से मार्च तक पूरे साल हर महीने की पांच तारीख के बाद 12,500 रुपये जमा कराता है। ऐसे में उस निवेशक को 7.10 फीसद ब्याज दर के हिसाब से अप्रैल का ब्याज जीरो रुपये मिलेगा, क्योंकि महीने की पांच तारीख को पीपीएफ अकाउंट का बैलेंस जीरो रुपये होगा, जो कि न्यूनतम है और उससे प्राप्त ब्याज भी जीरो रुपये ही होगा। इसके बाद मई में भी निवेशक को केवल 12,500 रुपये पर ही ब्याज मिलेगा, क्योंकि पांच तारीख के बाद पैसा जमा कराने की स्थिति में मई में भी अकाउंट का न्यूनतम बैलेंस 12,500 रुपये ही होगा, जिस पर ब्याज की गणना होनी है। इस तरह निवेशक को साल के अंत में कुल 4,881.25 रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे और साल के अंत में अकाउंट का बैलेंस रहेगा 1,54,881.25 रुपये।
महीने की पांच तारीख से पहले पैसा जमा कराने की स्थिति
अगर कोई निवेशक अप्रैल से मार्च महीने तक साल भर हर महीने की पांच तारीख से पहले 12,500 रुपये जमा कराता है, तो उस निवेशक को अप्रैल महीने का भी ब्याज मिलेगा और मई में उसे 25,000 रुपये पर ब्याज मिलेगा। उस निवेशक को साल के अंत में 5,769 रुपये ब्याज के रूप में मिलेगें। साथ ही अकाउंट का कुल बैलेंस भी साल के अंत में 1,55,769 रुपये रहेगा।
एकमुश्त रकम जमा कराने पर
अगर कोई निवेशक हर महीने पैसा जमा कराने की बजाए एकमुश्त 1,50,000 रुपये पीपीएफ अकाउंट में अप्रैल महीने में पांच तारीख से पहले जमा कराता है, तो उसे अधिकतम ब्याज मिलेगा। ऐसे निवेशक को अप्रैल से मार्च तक हर महीने डेढ़ लाख रुपये पर 888 रुपये ब्याज मिलेगा। इस निवेशक को साल के अंत में कुल 10,650 रुपये ब्याज के रूप में मिलेगे, जिससे साल के अंत में कुल जमा राशि 16,0650 रुपये हो जाएगी।
महीने की पांच तारीख से पहले या बाद में या साल भर की एकमुश्त रकम जमा कराने पर ब्याज में अंतर की यह तो एक साल की बात हुई, लेकिन यह अंतर लंबे समय में काफी अधिक बढ़ जाएगा।