रिटायरमेंट के बाद इन पांच निवेश विकल्प से नियमित आएंगे पैसे, जानिए इस स्कीम की खास बातें
नौकरी पूरी होने के बाद हर कोई चाहता है कि उसके पास पैसे आते रहें और उसकी जिंदगी सुकून से गुजरे। अगर आप भी यह चाहते हैं तो बचत और निवेश के कई विकल्प आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग में मददगार साबित हो सकते हैं। जानिए ऐसे ही पांच विकल्पों के बारे
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकारी नौकरी हो या प्राइवेट नौकरी रिटायरमेंट के बाद पैसों की ज़रूरत हर किसी को होती है। नौकरी पूरी होने के बाद हर कोई चाहता है कि उसके पास पैसे आते रहें और उसकी जिंदगी सुकून से गुजरे। अगर आप भी यह चाहते हैं तो बचत और निवेश के कई विकल्प आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग में मददगार साबित हो सकते हैं। जानिए ऐसे ही पांच विकल्पों के बारे में।
वार्षिकी योजना
वार्षिकी दो प्रकार की होती है, तात्कालिक और आस्थगित वार्षिकी। तत्काल वार्षिकी में आपको जीवन बीमाकर्ता को एकमुश्त राशि का भुगतान करने के तुरंत बाद पेंशन मिलती है। आस्थगित वार्षिकी में आपको निर्धारित समय अवधि के बाद पेंशन मिलती है। वार्षिकी योजनाओं का लाभ आपके पूरे जीवन के लिए नियमित और गारंटीकृत भुगतान है।
अपने निवेश में विविधता लाएं: एक स्थिर नकदी प्रवाह या पेंशन के लिए एक व्यक्ति को अपनी सेवानिवृत्ति की आयु में एकमुश्त राशि का निवेश करना चाहिए, तत्काल निवेश योजना खरीदने के अलावा अन्य निवेश विकल्पों का भी पता लगाना चाहिए।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: यह एक गारंटीकृत पेंशन उत्पाद है जो एलआईसी द्वारा सेवानिवृत्त लोगों के लिए मृत्यु लाभ के साथ दिया जाता है। 60 वर्ष और उससे अधिक आयु का व्यक्ति इसमें निवेश कर सकता है। मौजूदा समय में ब्याज दर मासिक रूप से प्रति वर्ष 7.4% है और इसकी दरें वार्षिक रूप से भिन्न हैं। एक बार निवेश करने पर पूरे कार्यकाल के लिए दर स्थिर हो जाती है।
मासिक भुगतान के लिए निवेश की ऊपरी सीमा प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये है और पेंशन राशि पूरी तरह से कर योग्य है। कार्यकाल लॉक-इन अवधि के साथ 10 वर्ष है।
PPF: पैसे के बचत के लिए PPF बेहतरीन विकल्पों में से एक है। इसमें पैसा जमा करते जाएं और ब्याज लेते रहें। अगर आप डेट में निवेश करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से पीपीएफ एक बेहतरीन विकल्प है। इसका ब्याज भी टैक्स फ्री होता है। आप बैंक ऑर पोस्ट ऑफिस से पीपीएफ खोल सकते हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम या NPS: नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश का फायदा यह है कि इसमें आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ पा सकते हैं। इसमें 6 अलग अलग फंड में निवेश किया जा सकता है। इसमें सालाना न्यूनतम निवेश 6,000 रुपये कर सकते हैं। इसमें निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।