पिट गए म्युचुअल फंड: निवेशक अपना निवेश बनाए रखें या फिर बुलियन में करें सौदा?
इस वर्ष स्मॉल कैप फंड की तुलना में पीएसयू फंड ने भी बदतर प्रदर्शन किया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ने 13.8 फीसद के नकारात्मक रिटर्न के साथ औसत रिटर्न दिया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। साल 2018 में म्युचुअल फंड स्कीम्स ने कमतर प्रदर्शन किया है और आंकड़े खुद इसकी तस्दीक करते हैं। इस साल 380 म्युचुअल फंड स्कीम में से करीब 65 फीसद ने नकारात्मक रिटर्न दिया है। इनमें सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले फंड्स में से इन्फ्रा सेक्टर और एचएसबीसी इन्फ्रास्ट्रक्चर के फंड रहे हैं।
म्युचुअल फंड का प्रदर्शन: अगर आंकड़ों की बात करें तो इस वर्ष आदित्य बिरला सनलाइफ स्मॉल कैप ने -17.31 फीसद, आदित्य बिरला सनलाइफ प्योर वैल्यू ने -17.85 फीसद, एचएसबीसी स्मॉल कैप इक्विटी ने -18.46 फीसद, आईडीएफसी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने -18.48 फीसद, इनवेस्को इंडिया पीएसयू इक्विटी ने -19.61 फीसद, आदित्य बिरला सनलाइफ इन्फ्रास्ट्रक्चर -20.95 फीसद, सुंदरम स्मॉल कैप -20.95 फीसद, एचडीएफसी इन्फ्रास्ट्रक्चर -21.80 फीसद, एसबीआई पीएसयू -24.12 फीसद और एचएसबीसी इन्फ्रास्ट्रक्चर इक्विटी ने -30.66 फीसद का रिटर्न (नकारात्मक) दिया है।
इस वर्ष स्मॉल कैप फंड की तुलना में पीएसयू फंड ने भी बदतर प्रदर्शन किया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ने 13.8 फीसद के नकारात्मक रिटर्न के साथ औसत रिटर्न दिया है। बीते कुछ वर्षों में स्मॉल कैप इंडेक्स में 31 फीसद तक की गिरावट देखने को मिली है जबकि निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 16 फीसद तक की गिरावट देखने को मिली है।
हालांकि 35 मिड-कैप और स्मॉलकैप इक्विटी स्कीम्स में से सिर्फ 2 इक्विटी स्कीम्स ने बीते एक साल के भीतर सकारात्मक रिटर्न दिया है। ये रिटर्न अक्टूबर 2018 तक के आंकड़ों के मुताबिक हैं। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड के डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान औसत मासिक प्रवाह 10,080 करोड़ से बढ़कर 14,200 करोड़ रुपये हो गया।
इक्विटी फंड (जिसमें इक्विटी, ईएलएसएस और आर्बिट्रेज फंड्स शामिल होते हैं) में सितंबर में 11,251 करोड़ रुपये का औसत मासिक प्रवाह (आवक) देखने को मिला, यह अगस्त महीने के 5,923 करोड़ रुपये के प्रवाह से काफी ज्यादा है। अगस्त महीने में यह बीते 18 महीने के निचले स्तर पर रहा था।
अगर बीते वर्ष की बात करें तो एसबीआई पीएसयू फंड, एचडीएफसी इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, सुंदरम स्मॉलकैप फंड और आदित्य बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस फंड सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले इक्विटी स्कीम्स में से एक रहे हैं, जिनमें 21 से लेकर 24 फीसद तक की गिरावट देखने को मिली। वहीं तमाम लार्ज कैप फंड्स जैसे कि जेएमकोर 11 फंड, आईडीबीआई इंडिया टॉप 100 इक्विटी फंड और एस्सेल लार्ड इक्विटी फंड ऐसे लार्ज कैप कैटेगरी वाले फंड रहे हैं जिन्होंने 6.7 से 9.7 फीसद का नकारात्मक रिटर्न दिया है। यह काफी खराब प्रदर्शन रहा।
वहीं अगर मिडकैप सेग्मेंट स्कीम्स की बात करें तो जैसे कि बीएनपी पैरिबास मिडकैप फंड और एसबीआई मैग्नम मिडकैप फंड ने क्रमश: 15.20 और 13.65 फीसद का गोता लगाया है। यह प्रदर्शन बीते एक साल का है। वैल्यू रिसर्च का डेटा बताता है कि मिड कैप फंड का औसत रिटर्न -8.58 फीसद और स्मॉल कैप का -11.11 फीसद का रहा है।
निवेशकों के पास क्या है रास्ता?
ब्रोकिंग फर्म कार्वी कमोडिटी के हेड रिसर्च डॉ. रवि सिंह ने बताया कि निवेशकों को घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। अगर आपने इस साल कोई म्युचुअल फंड यूनिट्स खरीदी थीं तो कोशिश करें कि आप उन्हें अपने पास यानी अपने पोर्टफोलियो में बनाए रखें। बतौर एक्सपर्ट उन्होंने यह सलाह भी दी कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में कुछ यूनिट्स को एड-ऑन भी करनी चाहिए। ऐसा इसलिए कि लॉर्ज कैप मिडकैप की वैल्युएशन पर मिल रहे हैं। वर्तमान परिस्थितियों में कंपनियों के फंडामेंटल खराब नहीं है बस बाजार को लेकर निवेशकों के फंडामेंटल थोड़े कमजोर हैं। ऐसे में आपको अपने निवेश को म्युचुअल फंड में बनाए रखना चाहिए क्योंकि सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। नवंबर में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अप्रैल-मई के आस पास आम चुनाव भी होने हैं। लिहाजा निवेश के लिहाज से संकेत अच्छे हैं। अभी आरबीआई ने बाजार में 40,000 करोड़ के निवेश की घोषणा भी है जो कि बाजार के लिए अच्छा संकेत है। हां अगर आप अपने निवेश का 5 फीसद तक हिस्सा गोल्ड-सिल्वर में लगाना चाहते हैं तो यह आपके निवेश पोर्टफोलियो में वेरिएशन के साथ ही रिटर्न के लिहाज से भी बेस्ट रहेगा।