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म्युचूअल फंड में निवेश कर बचा रहे हैं इनकम टैक्स, ऐसे चुनिए बेस्ट ELSS स्कीम

टैक्स बचाने के लिए सही ELSS म्युचुअल फंड के चुनाव में सावधानी रखनी चाहिए

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 05:56 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 01:29 PM (IST)
म्युचूअल फंड में निवेश कर बचा रहे हैं इनकम टैक्स, ऐसे चुनिए बेस्ट ELSS स्कीम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप टैक्स प्लानिंग के तहत इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में निवेश करने का विचार बना रहे हैं तो इसका चुनाव समझदारी से करें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैक्स सेविंग फंड्स का चुनाव करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है।

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टैक्स सेविंग फंड्स का खराब प्रदर्शन भी एक वजह है जिसके चलते एक्सपर्ट्स इनके चुनाव में सावधानी बरतने को कहते हैं। हालांकि ईएलएसएस (ELSS) श्रेणी तीन वर्ष की अवधि में 10.51 फीसद तक का रिटर्न दे देती हैं, वहीं कुछ स्कीम ऐसी भी हैं जिनका बेहद खराब प्रदर्शन रहा है। कुछ का रिटर्न तीन साल के निवेश पर डेट फंड्स से भी कम रहा है।

टैक्स सेविंग स्कीम्स जिनका तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है के अलावा ऐसे भी फंड्स होते हैं जिनका काफी लंबा लॉक इन पीरियड होता है। ओपन एंडेड ईएलएसएस फंड्स में निवेश करने के तीन साल बाद आप चाहे तो पैसे निकाल सकते हैं लेकिन क्लोज्ड एंडेड फंड में 10 साल तक का लॉक इन पीरियड भी होता है।

कैसे करें सही फंड का चुनाव-

अधिकांश निवेशक फंड का चुनाव पिछले वर्षों के रिटर्न के आधार पर करते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फंड की सही तस्वीर नहीं दिखाता है। पूर्व प्रदर्शन को जोखिम के हिसाब से एडजस्ट किया जाना चाहिए। निवेश करने पर अनुचित जोखिम से बचना एक महत्वपूर्ण कारक है। चूंकि टैक्स सेविंग फंड्स का लॉक इन पीरियड तीन वर्ष का होता है इसलिए इनका कम से कम पांच साल का प्रदर्शन देखना चाहिए।

रिटर्न्स का सामंजस्य

इस बात की संभावना होती है कि एक साल की अवधि में फंड बेहतरीन प्रदर्शन करें, लेकिन निवेशक को निवेश से पहले ये देखना चाहिए कि फंड ने कितनी बार सूचकांक और कैटेगरी एवरेज से ज्यादा रिटर्न दिया है। जब हम पिछले पांच वर्षों का विश्लेषण करेंगे तो पता चलेगा कि किसी भी ईएलएसएस फंड ने बीते पांच वर्षों में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन नहीं किया।

अधिकांश निवेशक टैक्स सेविंग फंड्स के डिविडेंड ऑप्शन्स का चयन करते हैं क्योंकि डिविडेंड डेक्लेरेशन में कोई लॉक इन नहीं होता और निवेशकों को तीन वर्ष से पहले अपनी निवेश राशि वापस मिल जाती है। एक्सपर्ट का मानना है कि डिविडेंड प्लान पर कोई टैक्स नहीं लगता था इसलिए निवेशकों की इसमें रुचि थी लेकिन इक्विटी स्कीम पर अब डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स लगता है। इसलिए बेहतर है कि ईएलएसएस फंड के ग्रोथ ऑप्शन में निवेश करें।


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