इस साल धनतेरस पर खरीदारी से पहले जाने सोने पर देना होगा कितना टैक्स
इस दिवाली सोना खरीदने या बेचने से पहले जान लीजिए कि इसपर कितना टैक्स लगता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। सोने के उपभोग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यहां पर लोग त्यौहारों के मौके पर विशेषकर धनतेरस और दिवाली के आस-पास सोने की खरीद करते ही हैं। जहां एक ओर महिलाएं अपने लिए सोने और चांदी के गहनों की खरीदारी करती है वहीं पुरूष और घर के बजुर्ग पूजन के लिए सोने एवं चांदी के सिक्कों के साथ-साथ गणेश लक्ष्मी की मूर्ति या फिर सोने के पानी चढ़ी हुई पत्री की खरीदारी करते हैं।
सर्राफा कारोबारी भी इन सीजन के दौरान जमकर कारोबार करते हैं। हालांकि इनके इस कारोबार पर टैक्स की मार जरूर उन्हें थोड़ी बहुत जरूर खटकती रहती है। इस बार जीएसटी लागू हो जाने के बाद व्यापारियों से साथ साथ आम लोग भी इस पर लगने वाले टैक्स को लेकर असमंजस में हैं। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बताने की कोशिश करेंगे कि अगर आप धनतेरस या दिवाली के पहले सोने पर कितना टैक्स पे करना होगा। फिर आप चाहे सोने की खरीद करें या उसकी बिक्री (पुराना सोना)।
गोल्ड ज्वैलरी की खरीद पर कितना टैक्स-
सोने की खरीदारी नकद या फिर बैंकिंग चैनल्स जैसे कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिए की जाती है। देशभ वस्तु एवं सेवाकर लागू होने के बाद से ग्राहकों को ज्वैलरी की कीमत (मेकिंग चार्जेस समेत) का तीन फीसद टैक्स लगता है।
सोने की ज्वैलरी की बिक्री पर कितना टैक्स-
सोने की बिक्री पर लगने वाला टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि ग्राहक ने उसे अपने पास कितने समय तक रखा। इस पर टैक्स शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के आधार पर लगता है।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी)-
अगर आप सोने की खरीद के 36 महीने (तीन वर्ष) से पहले बेचते हैं तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) लगता है। यह गेन आपकी ग्रोस टोटल इनकम में जोड़ा जाएगा और आपके आयकर स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी)
जिन मामलों में सोने की खरीद और बिक्री के बीच का समय 36 महीनों से ज्यादा होता है उनमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) लगाया जाता है। इसपर 20.6 फीसद की दर से (जिसमें सेस शामिल है) चार्ज लगाया जाता है।
क्या कहना है एक्सपर्ट का-
ई-मुंशी के टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अकिंत गुप्ता ने बताया कि नियम के मुताबिक सोने पर 3 फीसद का जीएसटी लगाया जाता है। इसके आलावा आपने देखा होगा कि कंपनियां बिजनेस के उद्देश्य से सोने के सिक्कों की खरीद करती हैं ताकि वो अपने कर्मचारियों को बांट सके। ऐसे में कंपनियों के लिए यह बेहतर होगा कि वो सोने की सिक्कों की खरीद जीएसटी नंबर लेकर करें। अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें टैक्स क्रेडिट का लाभ मिल पाएगा, यानी वो इसका भी फायदा उठा सकते हैं। वहीं कैपिटल गेन की सूरत में अगर बेचा गया सोना लॉन्ग टर्म में फायदा दिला रहा है तो उस पर 20 फीसद की दर से टैक्स लगेगा। साथ ही अंकित ने सलाह दी कि इस बार सोने की खरीद पर पक्का बिल जरूर लें।