जानें कैसे निवेशक हैं आप
जिंदगी में अगर आप अपनी खूबियों और खामियों से अच्छी तरह से परिचित हैं तो सफर और भी आसान हो जाता है। यही साधारण सा फसलफा निवेश की दुनिया पर भी लागू होता है। निवेश के तीन मूल सिद्धांतों में से पहला सिद्धांत ये है कि निवेश जोखिम और मुनाफे के बीच चुनाव करने की कला
जिंदगी में अगर आप अपनी खूबियों और खामियों से अच्छी तरह से परिचित हैं तो सफर और भी आसान हो जाता है। यही साधारण सा फसलफा निवेश की दुनिया पर भी लागू होता है।
निवेश के तीन मूल सिद्धांतों में से पहला सिद्धांत ये है कि निवेश जोखिम और मुनाफे के बीच चुनाव करने की कला है। बदकिस्मती से ज्यादातर निवेशक खूब सारा मुनाफा कमाने के लालच में पड़ जाते हैं। वैसे, होना इसके विपरीत चाहिए, निवेशक को हमेशा निवेश से जुड़े जोखिम के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यहां जोखिम का मतलब है निवेश से होने वाले किसी भावी नुकसान की आशंका। निवेश पर लाभ आमतौर पर जोखिम के अनुपात में होता है। ज्यादा जोखिम यानी ज्यादा मुनाफे की उम्मीद और कम जोखिम यानी कम लाभ की आशंका। तीसरी बात अपने निवेश की लिक्विडिटी को समझना है।
आप किस श्रेणी में:
उदासीन निवेशक: ये वो महाशय है जो निवेश संबंधी ज्ञान और आंकड़ों के जाल में उलझे बिना लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं। ज्यादातर निवेशक इसी श्रेणी में आते हैं। ऐसे लोग निवेश की दुनिया में 'पैसिव बाय और होल्ड' रणनीति अपनाते हैं।
सामान्य निवेशक: ये वो लोग हैं जो निवेश संबंधी ज्ञान और लंबे चौड़े आंकड़ों से परहेज किए बिना लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं। ये लोग बाजार के उतार-चढ़ाव से अच्छी तरह से वाकिफ होते हुए लंबी अवधि में इसका परोक्ष फायदा उठाते हैं। वैसे, इनको यह अच्छी तरह से पता होता है कि खास बॉन्ड और शेयरों के बारे में उनका ज्ञान सीमित है।
आक्रामक निवेशक: ये ऐसे निवेशक हैं जो आंकड़ों से घबराते नहीं और बखूबी जानते हैं कि बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में आक्रामक रुख अपनाकर लंबे समय में अपने निवेश पर अच्छा मुनाफा बनाया जा सकता है। इनके लिए एक आसान रणनीति है जोखिम लो, भारी मुनाफा कमाओ या एक बड़े झटके के लिए हमेशा तैयार रहो।