शादी से पहले इस तरह से करें अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग
शादी के बाद आपके वित्तीय जीवन में सबसे ज्यादा बदलाव आते हैं। ऐसे में जानिए ऐसे पांच फैसले जो शादी से पहले लेने चाहिए
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। शादी के बंधन में बंधने से पहले अपने भविष्य के आर्थिक लक्ष्यों के बारे में गौर करना चाहिए। शादी से पहले तमाम चीजों को तवज्जों देते हुए वित्तीय स्थिति पर भी एक बार विचार करना चाहिए। शादी के बाद पर्सनल फाइनेंस से लेकर निवेश तक सभी साझा किया जाता है। यह आपकी वित्तीय स्थिति में बड़ा बदलाव लाती है। वित्तीय विश्लेषकों के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो शादी करने वाला है, उसे वित्तीय जरूरतों को समझ उसके लिए प्लानिंग करनी चाहिए। ऐसी प्लानिंग नए रिश्ते की शुरुआत से पहले आपको ठोस आधार बनाने में मदद देती है।
जानिए ऐसे पांच वित्तीय फैसले जो हर किसी को शादी से पहले लेने चाहिए-
वित्तीय मामलों को लेकर करें चर्चा-
शादी से पहले अपने आगे के जीवन के लिए वित्तीय स्थिति के बारे में बात करें। इससे आप एक दूसरे की वित्तीय जरूरतों और देनदारियों को समझ सकेंगे। अपने वित्तीय लक्ष्यों के बारे विचार विमर्श करना काफी महत्वपूर्ण है। इनमें दोनों को अपनी क्रेडिट प्रोफाइलिंग जिनमें पुराने बिना चुकता किये लोन, क्रेडिट कार्ड के बिल और एक दूसरे के क्रेडिट स्कोर के बारे में बात करनी चाहिए। साथ ही इसके एक दूसरे को अपने अपने मौजूदा खर्चों के बारे में भी जानकारी साझा करनी चाहिए।
अपने बैंक अकाउंट मैनेज करना-
पहले ही इस बात को स्पष्ट कर लेना चाहिए कि शादी के बाद आप इंडिविजुअल बैंक खाते जारी रखेंगे या फिर ज्वाइंट अकाउंट शुरू करेंगे। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार ज्वाइंट बैंक अकाउंट कई बेनिफिट्स ऑफर करता है। साथ ही इसके अकाउंट के रखे पैसों को दोनों लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे निकासी, भुगतान और वित्तीय गतिविधियों को ट्रैक करना ज्यादा आसान रहता है। इससे आप लोग खर्चे बढ़ने की स्थिति में उसे नियंत्रित कर सकते हैं।
आकस्मिक स्थिति के लिए रखें खुद को तैयार-
शादी से पहले अपनी प्राथमिकताएं तय कर लें। ऐसा इसलिए क्योंकि शादी के बाद प्लानिंग और मैनेजिंग उतना आसान नहीं रहता। सावधानी से अपना फाइनेंशियल असेसमेंट और प्लानिंग करें। ज्वाइंट अकाउंट को खोलकर ऐसे काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जहां जरुरत के समय के पैसों को समय समय पर जमा किया जा सके। आकस्मिक स्थिति में पर्याप्त फंड न होने की स्थिति में आपकी ओर से की गई सारी बचत खर्च हो सकती है। टर्म इंश्योरेंस को लेना जरूरी विकल्प के तौर पर रखें। पार्टनर के नहीं होने की स्थिति में यह काफी मददगार होता है।
फाइनेंशियल असेसमेंट और फैसला लेना-
शादी से पहले फाइनेंशियल असेसमेंट जरूर करें। हर किसी को इस बात का आकलन जरूर करना चाहिए कि आर्थिक रूप से वह जीवन में किस लोकेशन पर खड़े हैं। अपने फाइनेंशियल असेसमेंट में सबसे ज्यादा तरजीह मैजूदा वित्तीय स्टेटस को देनी चाहिए। साथ ही अपने हाल फिलहाल के खर्चों को भी रिव्यू करें। ऐसा करने से प्लानिंग करने में आसानी रहेगी।
ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के बिल को करें मैनेज-
शादी के बाद मासिक खर्च बढ़ जाता है। हालांकि, पार्टनर को पहले से चल रही ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के बिल के संतुलन को छेड़ना नहीं चाहिए। दोनों को मिलकर अपने भविष्य में पड़ने वाली जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए। इसलिए बेहतर है कि एक बजट तैयार कर लें और अपने मासिक खर्चों को ट्रैक कर उन्हें नियंत्रित रखें।