बच्चे के भविष्य के लिए निवेश से पहले जरुरी है प्लानिंग, ये होने चाहिए शॉर्ट टर्म, मिड टर्म, लॉन्ग टर्म ऑब्जेक्टिव
अगर आपका उद्देश्य कम समय के लिए है तो आप (3 से 5 वर्ष) फिक्स्ड डिपॉजिट रेकरिंग डिपॉजिट डेब्ट म्युचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बचत अच्छी हो तो निवेश और प्लानिंग साथ-साथ चलें तो बेहतर रहता है। अगर आप अपने बच्चे के भविष्य को लेकर निवेश करने के लिए सोच रहे हैं तो ये जरूरत अलग-अलग उम्र में बदल सकती है। जैसे आपको बुनियादी शिक्षा, ट्रेनिंग के उद्देश्यों, कम समय में शिक्षा की गतिविधियों के लिए पैसे की आवश्यकता पड़ेगी, बीच के समय में उच्च शिक्षा के लिए भी पैसे चाहिए होंगे, घर से दूर रहकर पढ़ने पर पढ़ाई के लिए खर्च, शादी पर खर्च आदि के लिए पैसों की आएगी।
कम समय के लिए निवेश उद्देश्य
अगर आपका उद्देश्य कम समय के लिए है तो आप (3 से 5 वर्ष) फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट, डेब्ट म्युचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं। अल्पकालिक उद्देश्य के लिए ऐसे उदाहरण हो सकते हैं जब आपको तत्काल आधार पर पैसे की आवश्यकता होती है, और यदि आपने ऐसी परिसंपत्तियां चुनी हैं, जिनका 5-10 साल से अधिक का लॉक-इन पीरियड है, तो तुरंत पैसे की व्यवस्था करना मुश्किल होगा।
मिड टर्म ऑब्जेक्टिव के लिए क्या करें
मध्यावधि उद्देश्यों (5-10 वर्ष) के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि, शेयर बाजार (यदि थोड़ा अधिक जोखिम लेने को तैयार हो), टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेश विकल्प बेहतर है। पीपीएफ में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, हालांकि, आप छह साल पूरा होने के बाद आंशिक निकासी के लिए आवेदन कर सकते हैं और आप तीन साल के बाद पीपीएफ जमा के खिलाफ कर्ज के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
दीर्घकालिक उद्देश्य क्या हो?
दीर्घकालिक उद्देश्यों (10 वर्ष और अधिक) के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि खाता और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र हैं, इसके अलावा अन्य कई दीर्घकालिक निवेश विकल्पों को चुन सकते हैं। इसके लिए आप चाहें तो किसी बेहतर वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं।