टैक्स सेविंग एफडी से जुड़ी अहम बातें और इसके फायदे-नुकसान
कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी या प्राइवेट बैंक के जरिए इसमें निवेश कर सकता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। छोटी अवधि में निवेश के लिहाज से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को न सिर्फ सुरक्षित माना जाता है बल्कि यह आसान भी होता है। अधिकांश लोगों को निवेश के इस विकल्प के बारे में सारी जानकारियां नहीं होती और इस वजह से उन्हें वो फायदे नहीं मिल पाते जिनके वो हकदार होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि आप बैंक में एफडी कराकर भी इनकम टैक्स बचा सकते हैं। दैनिक जागरण की टीम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको यही बताने की कोशिश करेगी।
वर्तमान आयकर कानून के अनुसार, आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत, आप कर बचत वाले सावधि जमा (टैक्स सेविंग एफडी) में 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर कटौती का दावा कर सकते हैं। जानिए टैक्स सेविंग एफडी के बारे.....
टैक्स सेविंग एफडी से जुड़ी अहम बातें
- सिर्फ इंडीविजुअल्स और एचयूएफ ही टैक्स सेविंग एफडी में निवेश कर सकते हैं।
- एफडी पर न्यूनतम राशि की सीमा बैंकों के आधार पर अलग अलग हो सकती है।
- इन जमा पर 5 साल का लॉक-इन पीरियड हो सकता है।
- मैच्योरिटी से पहले निकासी और इस एफडी पर लोन लेने की सुविधा नहीं होती है।
- कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी या प्राइवेट बैंक के जरिए इसमें निवेश कर सकता है। कोऑपरेटिव और ग्रामीण बैंक इसमें शामिल नहीं होते हैं।
- ये सामान्य सावधि जमा (एफडी) ही होते हैं, लेकिन निवेश के दौरान बैंक इनमें “टैक्स सेविंग एफडी” का लेबल लगा देते हैं।
बैंकों की ओर से टैक्स सेविंग एफडी पर दिया जाने वाला ब्याज:
क्या हैं लाभ:
- निवेश करने में आसान: कई बैंक टैक्स सेविंग एफडी के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। परिपक्वता के बाद राशि सीधे आपके बैंक खाते में आ जाती है।
- सबसे ज्यादा सुरक्षित: आरबीआई की तरफ से 1 लाख रुपए तक की एफडी जारी की जाती है।
क्या है नुकसान:
- अर्जित हुआ ब्याज कर योग्य होता है।
- मैच्योर होने से पहले आप जमा की हुई रकम नहीं निकाल सकते हैं।
- आप टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपाजिट पर लोन का आवेदन नहीं कर सकते हैं।
टैक्स की बचत: डाकघर सावधि जमा जिसकी राशि 5 साल में परिपक्व होती है वो भी आयकर की धारा 80 सी के अंतर्गत कटौती योग्य होती है। इस पर 7.4 फीसद ब्याज मिलता है।