बैंक में Fixed Deposit खुलवाने से पहले जरूर जान लें ये बातें, नहीं तो उठाना पड़ेगा नुकसान
बचत के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक अच्छा विकल्प है। अगर आप एफडी खुलवाना चाहते हैं तो आपको कई जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बचत के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक अच्छा विकल्प है। अगर आप एफडी खुलवाना चाहते हैं तो आपको कई जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप बड़ा फायदा उठा सकते हैं। इसलिए एफडी खुलवाने से पहले नीचे दी गई बातों पर गौर कर लें-
एक से ज्यादा FD: छोटी-छोटी रकम वाली ज्यादा एफडी रखें, बड़ी रकम की एक FD रखने से ये कहीं बेहतर है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर आप कोई एक एफडी तोड़कर अपनी जरूरत पूरी कर सकते हैं, इस तरह आपकी बाकी एफडी भी चलती रहेगी। साथ ही आपको अलग-अलग एफडी की ब्याज दरें भी मिलती रहेंगी।
ब्याज पर कटता है टैक्स: अगर किसी बचत में सालाना ब्याज 10 हजार से ज्यादा है तो वह टैक्स के दायरे में आएगा। अगर एफडी से मिलने वाले ब्याज की रकम 10 हजार रुपये से ज्यादा है तो बैंक 10 फीसद टीडीएस काटते हैं। अगर एक से ज्यादा बैंकों में आपकी एफडी है तो ब्याज की गणना सारी एफडी के ब्याज को मिलाकर होगी। आप इस टैक्स को क्लैम कर सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि बैंक टीडीएस ना काटें तो इसके लिए आपको 15G /15H फॉर्म भरना होगा।
Fixed Deposit पर लोन: आपको अपने एफडी पर लोन भी मिल सकता है। इसे ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी कहा जाता है। इसके तहत आपको एक तय अवधि में ब्याज दर के साथ अमाउंट चुकाना होता है। आप चाहे तो यह राशि एकमुश्त या किस्तों में चुका सकते हैं। इसके अलावा अगर आप तय समय से पहले पेमेंट करते हैं तो आपको प्रीपेमेंट चार्ज नहीं देना पड़ेगा। आपको सिर्फ उतने दिन का ब्याज देना है जितने दिन रकम आपके पास रही।
FD की अवधि और ब्याज दर: ज्यादातर लोग 6 महीने, एक साल, 2 साल या 5 साल की अवधि के लिए FD करवाते हैं। कई बैंकों में इस अवधि से थोड़े कम या ज्यादा दिनों के लिए एफडी खुलवाने पर अलग-अलग ब्याज दरें होती हैं। इसलिए एफडी करवाने से पहले बैंक में एफडी की अवधि और उनसे पर मिलने वाले ब्याज की दरों के बारे में जानकारी जरूर लें। हो सकता है कि निश्चित अवधि से कम या ज्यादा दिनों की एफडी करवाने पर आपको ज्यादा ब्याज मिल जाए। इसके अलावा एफडी में मासिक, तिमाही या छमाही में ब्याज ले सकते हैं।