Fixed Deposit में पैसा लगाने से पहले ध्यान रखें ये 4 बातें
fixed deposit अगर निवेशक ने एफडी में पैसा लगाया है तो कम रिटर्न महंगाई बढ़ने पर कारगर साबित नहीं होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हर इंसान की यह कोशिश रहती है कि वह जो पैसे की कमाई करे तो अपने खर्च और बचत के आलवा कुछ पैसों को कहीं निवेश करे ताकि आना वाले भविष्य उज्ज्वल हो। लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बैंक की फिक्स डिपॉजिट Fixed Deposit (FD) स्कीम में लगाते हैं। दरअसल, FD में निवेश की वजह यह है कि लोग इसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। हालांकि, फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश के अपने खतरे भी हैं। अगर आप भी एफडी में निवेश के लिए सोच रहे हैं तो पहले कुछ जरूरी बातों का जान लेना सही रहेगा।
टैक्स संबंधी रिस्क: ऐसे निवेशक जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है उन्हें एफडी पर मिलने वाला ब्याज कर से मुक्त रहेगा, लेकिन 60 से कम उम्र वाले निवेशक को ब्याज पर कर देना होगा। हालांकि, धारा 80 टीटीबी के तहत ब्याज से 50,000 तक की कमाई हर उम्र वालों के लिए कर से छूट योग्य है।
रिटर्न की तुलना: फिक्स डिपॉजिट में रिटर्न-संबंधी कई खतरे हैं। एफडी में आमतौर पर 6-8 फीसद रिटर्न मिलता है। यह रिटर्न म्युचुअल फंड SIP के रिटर्न से कम है।
लिक्विडिटी: फिक्स डिपॉजिट यानी FD में आप जब चाहें तब पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन सभी एफडी में ऐसा नहीं होता है। कुछ फिक्स डिपॉजिट ऐसे होते हैं जिनमें एक तय समय (पांच वर्ष) तक पैसा जमा करना होता है, इसलिए निवेशक जब चाहे तब पैसा नहीं निकाल सकता है। अगर निवेशक ऐसा करता है तो उसे जुर्माना देना होता है।
महंगाई पर ध्यान दें: अगर निवेशक ने एफडी में पैसा लगाया है तो कम रिटर्न महंगाई बढ़ने पर कारगर साबित नहीं होगा। मसलन FD पर से 6 से 8 फीसद तक रिटर्न मिलता है, अगर महंगाई 7 फीसद तक बढ़ गई तो निवेशक की पूंजी घट गई।