ILFS संकट के बाद पिट चुके शेयरों पर LIC ने क्यों लगाया बड़ा दांव?
भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी ने आम लोगों की गाढ़ी जमा पूंजी को उन शेयरों में लगाया है, जो बुरी तरह से पिट चुके हैं और जिन्होंने पिछले एक महीने के दौरान निवेशकों को उनकी उम्मीद से ज्यादा घाटा दिया है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आईएलएंडएफएस संकट के बाद शेयर बाजार में निवेशकों को अपनी गाढ़ी पूंजी गंवानी पड़ी है। पिछले एक महीने में सेंसेक्स में 6 फीसदी की भारी गिरावट आई है।
गिरावट की तेज आंधी में कई शेयर मजबूत फंडामेंटल्स के आधार पर टिके रहे लेकिन कई ऐसे शेयर इसमें बुरी तरह बिखर गए। दीवान हाउसिंग एंड फाइनैंस लिमिटेड (डीएचएफएल) इन्हीं शेयरों में से एक रहा।
लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी ने आम लोगों की गाढ़ी जमा पूंजी को उन शेयरों में लगाया है, जो बुरी तरह से पिट चुके हैं और जिन्होंने पिछले एक महीने के दौरान निवेशकों को उनकी उम्मीद से ज्यादा घाटा दिया है।
पिटे शेयरों पर LIC ने लगाया पैसा करीब 320 से अधिक कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाली एलआईसी ने सितंबर तिमाही में करीब 30 से अधिक कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई है।
आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जीवन बीमा निगम ने इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक में अपनी हिस्सेदारी में इजाफा किया है। वहीं बड़े बैंक मसलन एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, विजया बैंक और यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी कम की है।
दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड आईएलएंडएफएस संकट के सामने आने के बाद इस कंपनी के शेयरों में 51 फीसद से अधिक की गिरावट आई है। 2018 में अब तक यह शेयर 65 फीसद तक ढह चुका है।
हालांकि सितंबर के दौरान जहां इस शेयरों में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई, वहां घरेलू निवेशकों ने अपनी पोजिशन को कम किया।
इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक इंडियन बैंक 2018 में अभी तक 42 फीसद से अधिक तक टूट चुका है वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 36 फीसद से अधिक तक नीचे लुढ़क चुका है।
जबकि इलाहाबाद बैंक 2018 में अब तक 49 फीसद से अधिक तक नीचे फिसल चुका है।
हालांकि आकर्षक वैल्यूएशन और मजूबत फंडामेंटल्स के आधार पर एलआईसी ने इलाहाबाद बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 9.89 फीसद से बढ़ाकर 9.90 फीसद किया वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा में उसने अपनी हिस्सेदारी को 3.18 से बढ़ाकर 3.86 फीसद कर दिया है। इसके अलावा इंडियन बैंक में उसने अपनी हिस्सेदारी को 1.82 फीसद से बढ़ाकर 1.89 फीसद कर लिया है।
इंडियन बैंक देश के उन तीन बैंकों में एक रहा है, जिसने बैंकिंग संकट के बीच मुनाफा कमाया। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक के विलय का ऐलान किया जा चुका है।
पिछले एक महीनों के दौरान हाउसिंग फाइनैंस सेक्टर के शेयरों की सबसे ज्यादा धुलाई हुई और एलआईसी ने इन्हीं में से एक इंडियाबुल्स हाउसिंग में सितंबर तिमाही के दौरान अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।
इंडियाबुल्स हाउसिंग के शेयरों में अब तक 37 फीसद से अधिक की कमजोरी आई है। आकर्षक वैल्यूएशंस और मजबूत फंडामेंटल्स के आधार पर मोतीलाल ओसवाल ने 1150 रुपये के टारगेट के साथ खरीदारी की सलाह दी है।
हइसके अलावा हीरो मोटोकॉर्प (28 फीसद नीचे), मारुति सुजुकी (30 फीसद नीचे), टीवीएस मोटर (31 फीसद नीचे), टाटा केमिकल्स, ग्रासिम, जिलेट इंडिया, पीरामल एंटरप्राइजेज, ओरेकल, क्रिसिल, ब्लू डार्ट, फ्यूचर एंटरप्राइजेज, ऑयल इंडिया समेत 30 से अधिक कंपनियों में एलआईसी ने हिस्सेदारी बढ़ाई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इन कंपनियों के फंडामेंटल्स बेहद मजबूत है और बाजार में आई गिरावट के बाद इनका वैल्यूएशंस बेहद आकर्षक हो गया है, जो लॉन्ग टर्म में शानदार मुनाफा दे सकते हैं।
वहीं मैरिको, एचडीएफसी, विजया बैंक, वोल्टास, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, अरविंद समेत 30 से अधिक कंपनियों में एलआईसी ने अपनी हिस्सेदारी को कम किया है।
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