बैंक हड़ताल टालने को बुलाई गई वार्ता साबित हुई असफल
एसबीआइ, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक समेत कई बैंकों ने अपने कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के खिलाफ चेतावनी दी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बैंक कर्मचारियों के तमाम संगठनों का शीर्ष संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) और केंद्र सरकार के बीच बैंक हड़ताल को टालने के लिए बुलाई गई वार्ता असफल साबित हुई है।
एसबीआइ, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक समेत कई बैंकों ने अपने कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के खिलाफ चेतावनी दी है लेकिन इसका असर होता नहीं दिख रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पिछले पांच वर्षो से कर्मचारियों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। कर्मचारी संगठनों और भारतीय बैंकसंघ (आइबीए) के बीच इस बारे में दस दौर की बातचीत हुई लेकिन उसका खास नतीजा नहीं निकला। इनका यह भी कहना है कि आइबीए की तरफ से वेतन व भत्तों में महज दो फीसद वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था जो मंजूर नहीं है।
नेट बैंकिंग के दौर में असर कम होगा
जानकारों का मानना है कि इस बार हड़ताल का आम ग्राहकों पर होने वाला असर कम होगा। पहले जिस तरह से बैंकिंग हड़ताल से आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाती थीं, वैसा नहीं होगा। इसके पीछे वजह यह है कि अब डिजिटल भुगतान की वजह से काफी कुछ बदल गया है। बैंक शाखाओं में काम नहीं होने के बावजूद ग्राहक ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। बैंक इस बात का खास ख्याल रख रहे हैं कि डिजिटल भुगतान व्यवस्था में कोई परेशानी न हो। साथ ही यूपीआइ व अन्य भुगतान एप के जरिये भी लेनदेन में कोई परेशानी नहीं होगी। बैंकों की तरफ से एटीएम में पर्याप्त नकदी डालने की कोशिश की जा रही है ताकि लोगों को नकदी मिलने में भी कोई दिक्कत न हो।
हड़ताल में शामिल नहीं होगा जम्मू-कश्मीर बैंक
जम्मू-कश्मीर बैंक लिमिटेड का बुधवार से राष्ट्रीय स्तर पर बैंकों की शुरू हो रही दो दिवसीय हड़ताल से कोई लेना-देना नहीं है। जेके बैंक के कर्मचारी बु धवार और गुरुवार को भी रोजमर्रा की तरह काम करेंगे। हालांकि, इन दो दिन में अन्य सरकारी बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से जेके बैंक पर बोझ कुछ अधिक रहेगा। इस समय राज्य में जेके बैंक की 909 शाखाएं, 1205 एटीएम व 25 नकदी जमा करने वाली मशीनें लगी हैं।