फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचने को लेकर असमंजस में है सॉफ्टबैंक
फ्लिपकार्ट में सॉफ्टबैंक के पास 20 से 22 फीसद तक की हिस्सेदारी है, जिसे बेचने के संबंध में उसे अंतिम फैसला लेना है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट के बीच हुई मेगा डील के बाद से ही जापान का सॉफ्टबैंक ग्रुप दुविधा में है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि वो अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट इंक को फ्लिपकार्ट में अपनी 20 से 22 फीसद की हिस्सेदारी बेचे या नहीं। इस मामले पर नजर रखने वाले एक सूत्र के जरिए यह जानकारी सामने आई है।
सूत्र ने बताया कि सॉफ्टबैंक के मासायोशी सन अगले 7 से 10 दिनों के भीतर यह फैसला कर सकते हैं कि उन्हें इडिया के सबसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेयर फ्लिपकार्ट से बाहर जाना है या फिर अपने निवेश को कुछ और समय के लिए बनाए रखना है। वॉलमार्ट ने बुधवार को फ्लिपकार्ट में 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी। वॉलमार्ट की ओर से जारी किए गए बयान में कहा कि उसने बाकी के 23 फीसद की हिस्सेदारी रखे वालों की पहचान की है जिनमें फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल, टेंसेंट होल्डिंग लिमिटेड, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट एलएलसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प शामिल हैं, इनमें से अकेले 20 से 22 फीसद की हिस्सेदारी सॉफ्टबैंक के पास है और वह अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार भी कर रहा है। वहीं सूत्र ने यह भी बताया कि फ्लिपकार्ट से अलग होने के लिए सॉफ्टबैंक की ओर से अंतिम फैसला लिया जाना अभी बाकी है।
फ्लिपकार्ट-वालमार्ट डील: अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने देसी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी खरीदकर इसका अधिग्रहण कर लिया है। वालमार्ट ने 16 अरब डॉलर (करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये) में फ्लिपकार्ट को खरीदने के बाद दो अरब डॉलर (करीब करोड़ रुपये) अतिरिक्त निवेश की भी योजना बनाई है। यह वालमार्ट का भी सबसे बड़ा अधिग्रहण है।