सेंसेक्स में वेदांता शामिल, डॉ रेड्डीज हुआ बाहर
सेंसेक्स में फेर बदल के बाद वेदांता को शामिल और डॉ रेड्डीज को बाहर कर दिया गया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आवधिक फेर बदल के तहत बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के इंडेक्स सेंसेक्स में सोमवार को परिवर्तन हुए हैं। इसके बाद इसमें वेदांता लिमिटेड को जोड़ दिया गया है और डॉ रेड्डी लैब्रटॉरी के शेयर्स को बाहर कर दिया गया है। यह फैसला तब आया है जब देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ने बीएसई सेंसेक्स, बीएसई 100 और बीएसई 200 में बदलाव की घोषणा की है। एशिया इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने 18 मई, 2018 को बीएसई सेंसेक्स सहित 13 इंडाइसेज के पुनर्निर्माण का एलान किया है।
मेटल, माइनिंग और नेचुरल रिसोर्सेज का शेयर वेदांता लिमिटेड सेंसेक्स में शामिल होने पर सोमवार के कारोबार में तीन फीसद से ज्यादा टूटा। बीएसई पर वेदांता लिमिटेड का काउंटर 3.56 फीसद गिरकर 230.25 के स्तर पर आ गया जो कि 52 हफ्तों का निम्नतम स्तर है। वहीं दूसरी ओर हैदराबाद की फार्मास्क्युटिकल कंपनी डॉ रेड्डीज बीएसई सेंसेक्स से हटाने के बाद 2.6 फीसद की कमजोरी के साथ दिन के निम्नतम स्तर पर आ गया जो कि 2290 रुपये का रहा है।
बीएसई सेंसेक्स में हालिया फेर बदल के साथ मेटल स्टॉक्स की हिस्सेदारी 1.3 फीसद से दोगुना होकर 2.6 फीसद हो गई है। टाटा स्टील और वेदांता के साथ सेंसेक्स में मेटल सेक्टर के दो स्टॉक्स हो गये हैं। डॉ रेड्डीज के बीएसई से बाहर होने पर सनफार्मा अकेला हेल्थकेयर स्टॉक है जिसकी हिस्सेदारी 1.7 फीसद है। बीते वर्ष दिसंबर में राजस्व के मामले में देश की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी ल्यूपिन और सिप्ला को सेंसेक्स से हटा दिया गया था। वहीं देश के पांचवे और छठे सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक- यस बैंक व इंडसइंड बैंक को शामिल किया गया था।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा स्टॉक्स की कुल हिस्सेदारी 50 बेसिस प्वाइंट घट गई है और शीर्ष 10 स्टॉक्स की हिस्सेदारी 40 बेसिस प्वाइंट कम होकर 66.1 फीसद से 65.7 फीसद हो गई है।
फेर बदल के बाद जिन 10 स्टॉक्स पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है उनमें एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, इंफोसिस, आईटीसी, आइसीआइसीआइ बैंक, टीसीएस, एलएंडटी, कोटक महिंद्रा बैंक और मारुति सुजुकी शामिल हैं।