Move to Jagran APP

RIL ने जीता गैस विवाद मामला, ट्रिब्यूनल ने सरकार के 1.55 अरब डॉलर के भुगतान दावे को किया खारिज

रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी केे बीच जारी गैस विवाद मामले में सरकार को बड़ा झटका लगा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 03:59 PM (IST)
RIL ने जीता गैस विवाद मामला, ट्रिब्यूनल ने सरकार के 1.55 अरब डॉलर के भुगतान दावे को किया खारिज

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी के बीच जारी गैस विवाद मामले में सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल एट्रिब्यूशन ट्रिब्यूनल) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके भागीदारों के खिलाफ उस मामले को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने दूसरों के तैल-गैस कुओं से कथित तौर पर गलत तरीके से गैस निकालने की कोशिश की है। इस संबंध में सरकार ने आरआईएल से 1.55 अरब डालर के भुगतान की मांग की थी।

loksabha election banner

मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के पक्ष में फैसला सुनाते हुए न्यायाधिकरण ने कृष्णा-गोदावरी (केजी) बेसिन में ओएनजीसी के पड़ोसी ब्लॉक से कंसोर्टियम की ओर से अवैध गैस उत्पादन के सरकार के दावे को खारिज कर दिया। इसके अतिरिक्त न्यायाधिकरण ने समूह को 8.3 मिलियन डॉलर (564.44 मिलियन रुपये) की क्षतिपूर्ति देने का आदेश भारत सरकार को दिया है।

सिंगापुर के न्यायाधीश लारेंस बो की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय मध्यस्थता अदालत ने सरकार की मांग को एक के मुकाबले दो वोट के आधार पर खारिज कर दिया। इस पैनल के अन्य दो सदस्य सरकारी प्रतिनिधि थे, जिसमें से एक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जी एस सिंघवी और दूसरे आरआईएल मध्यस्थ पूर्व इंग्लिश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति बर्नार्ड एडर थे। गौरतलब है कि नवंबर 2016 में सरकार द्वारा कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.