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घोटाले की मार, बैकिंग के लिए जरूरी सीमा से नीचे पहुंचा PNB का पूंजी स्तर

PNB ने कहा है कि चौथी तिमाही के आखिर में बेसल-3 मानकों के हिसाब से उसका पूंजी अनुपात घटकर 9.20 फीसद रह गया है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 11:12 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 11:12 AM (IST)

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। घोटाले का दंश झेल रहे सार्वजनिक कर्जदाता पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की पूंजी पर्याप्तता (कैपिटल एडिक्वेसी) बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा तय न्यूनतम सीमा से नीचे गिर गई है। पीएनबी द्वारा बुधवार को शेयर बाजारों को दी जानकारी के मुताबिक बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2018) में अप्रत्याशित नुकसान के चलते यह स्थिति पैदा हुई है।

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बैंक ने कहा है कि चौथी तिमाही के आखिर में बेसल-3 मानकों के हिसाब से उसका पूंजी अनुपात घटकर 9.20 फीसद रह गया, जो उससे पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के आखिर में यानी मार्च, 2017 की समाप्ति पर 11.66 फीसद था। कंसोलिडेटेड आधार पर पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के आखिर में बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात घटकर 9.82 फीसद रह गया, जो मार्च, 2017 के आखिर में 11.98 फीसद था। गौरतलब है कि आरबीआइ के मानकों के हिसाब से पूंजी पर्याप्तता अनुपात कम से कम 11.5 फीसद होना चाहिए।

बैंक की पूंजी पर्याप्तता का अनुपात घटने की मुख्य वजह हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके रिश्तेदार तथा गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी द्वारा किया गया 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला है, जिसके तहत नीरव मोदी ने विदेश में कर्ज के लिए पीएनबी के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) का धोखे से इस्तेमाल किया।

पीएनबी हांगकांग ब्रांच की निगरानी बढ़ी

पीएनबी ने बुधवार को कहा कि हांगकांग मौद्रिक प्राधिकरण (एचकेएमए) ने बैंक की हांगकांग शाखा को ग्राहकों की तरफ ने नकद जमा स्वीकार करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही एचकेएमए ने बैंक की निगरानी भी बढ़ा दी है। बैंक का कहना है कि पूंजी पर्याप्तता अनुपात के सीमा से नीचे गिर जाने के चलते हांगकांग के नियामक ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि बैंक की हांगकांग शाखा को स्थानीय नियमों के मुताबिक अनप्लेज्ड डिपॉजिट के 100 फीसद के बराबर पूंजी पर्याप्तता रखने की बाध्यता है।


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