एलआईसी यूनियन ने किया आईडीबीआई बैंक में 51 फीसद अधिग्रहण का विरोध
एलआईसी ने वित्त वर्ष 2014-15 में सरकारी बैंकों में 1,850 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2015-16 में 2,539 करोड़ रुपये का निवेश किया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारी संगठनों (यूनियन) ने बीमा कंपनी की ओर से आईडीबीआई बैंक में 51 फीसद हिस्सेदारी के अधिग्रहण प्रस्ताव का विरोध किया है। यूनियनों का कहना है कि इस फैसले से पालिसीधारकों और उनकी प्रीमियम राशि पर असर पड़ेगा।
एलआईसी की ओर से पूर्व में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में किए गए निवेश प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए फेडरेशन आफ एलआईसी क्लास वन आफिसर्स एसोसिएशन ने कहा, “इन बैंकों के शेयर मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट आई है जिससे हमारा मुनाफा प्रभावित हो सकता है। एक तरीके से हमें बैंकों के पुनर्पूंजीकरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दबाव डाला जा रहा है। आईडीबीआई में बहुलांश हिस्सेदारी के अधिग्रहण को इसी संदर्भ से देखा जाना चाहिए।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक एलआईसी ने वित्त वर्ष 2014-15 में सरकारी बैंकों में 1,850 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2015-16 में 2,539 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह बात एलआईसी के चेयरमैन को लिखे पत्र में फेडरेशन ने कही है। एलआईसी के पास वर्तमान में आईडीबीआई बैंक की 11 फीसद हिस्सेदारी है। बैंक के कुल कर्ज में दबाव वाली संपत्तियों का हिस्सा 35.9 फीसद है। मार्च तिमाही के अंत तक बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 55,588 करोड़ रुपये थीं।
आल इंडिया एम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव राजेश कुमार ने बताया, "इसका मतलब यह है कि बैंक को अपने बही खाते को बेहतर करने और नियामकीय पूंजी के न्यूनतम स्तर को बरकरार रखने के लिए काफी पूंजी की आवश्यकता होगी।"