भारत-अमेरिका कारोबारी रिश्तों के समाधान में बढ़ा एक कदम
जी -7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100 फीसद का शुल्क लगाने का आरोप लगाया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कस्टम ड्यूटी की उलझन में फंसे भारत-अमेरिकी कारोबार को पटरी पर लाने की दिशा में दोनों देशों ने एक कदम आगे बढ़ाया है। दोनों देश व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर विभिन्न मुद्दों का हल निकालने की दिशा में आधिकारिक स्तर की बातचीत शुरू करने को राजी हो गए हैं। जल्द ही दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक होगी।
दोनों देशों के बीच आधिकारिक स्तर की व्यापार वार्ता शुरू करने का फैसला इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर सौ फीसद शुल्क लगाने का आरोप लगाया था। भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने अमेरिका यात्रा में वहां के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर से मुलाकात की थी। इन बैठकों के बाद ही दोनों देश अधिकारी स्तर की वार्ता शुरू करने के फैसले पर पहुंचे। अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्रा की समाप्ति पर प्रभु ने अमेरिका में दिए एक बयान में कहा, ‘अब हम द्विपक्षीय व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एकसाथ मिलकर काम करेंगे।’
दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार संबंधों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए व्यापक चर्चा शुरू करने और संबंधित विवरणों पर काम करने के लिए भारत एक आधिकारिक टीम भेजेगा। दोनों पक्षों के बीच व्यापार और शुल्क से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं। जी -7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100 फीसद का शुल्क लगाने का आरोप लगाया था। हालांकि भारत ने इस्पात और एल्युमीनियम शुल्क लगाए जाने के संबंध में अमेरिका को चिट्ठी लिखी है। प्रभु ने रॉस और लाइटहाइजर के अलावा कृषि मंत्री सोनी पर्डयू के साथ भी वार्ता की। जानकारों के मुताबिक अधिकांश बैठकें दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित थीं। प्रभु ने भारत-अमेरिका व्यापार परिषद व भारत-अमेरिका सामरिक भागीदारी मंच की बैठकों में व्यापार व उद्योग जगत के व्यक्तियों को संबोधित किया।