अमेरिका ने राहत दी तो भारत शुल्क वृद्धि वापस लेगा
भारत और अमेरिका के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के बीच तीन दिन की बैठक को दोनों पक्षों ने सकारात्मक शुरुआत बताया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क वृद्धि और अमेरिकी बाजारों में प्रवेश पर अमेरिका राहत देता है तो भारत भी शुल्क वृद्धि पर पुनर्विचार कर सकता है। दोनों देशों के बीच तीन दिन चली आधिकारिक स्तर की व्यापार वार्ता में इन मुद्दों पर शुरुआती बातचीत में इस बात के संकेत मिले हैं कि अमेरिका स्टील समेत कुछ उत्पादों पर न सिर्फ शुल्क वृद्धि वापिस ले सकता है बल्कि भारत के खाद्य और कृषि उत्पादों की पहुंच को आसान भी कर सकता है। हालांकि इस पर अगले महीने वाशिंगटन में होने वाली आधिकारिक स्तर की अगली बैठक में ही कुछ ठोस नतीजा निकलेगा।
दोनों देशों के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के बीच तीन दिन की बैठक को दोनों पक्षों ने सकारात्मक शुरुआत बताया है। भारत ने स्टील और एल्यूमीनियम पर अमेरिका की तरफ से लगाई गई उच्च आयात शुल्क दरों के साथ-साथ कृषि और अन्य खाद्य उत्पादों की अमेरिकी बाजार में पहुंच आसान बनाने का मुद्दा रखा था। सूत्र बताते हैं कि इसके एवज में अमेरिका ने भी भारत में अपने कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादों के लिए बाजार को और खोलने का दबाव बनाया। अमेरिका ने पिछले महीने कुछ स्टील उत्पादों पर 25 फीसद और एल्यूमीनियम उत्पादों पर 10 फीसद इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी थी। इसके जवाब में भारत ने भी सेब, नाशपाती जैसे फल और कुछ दालों और अखरोट व बादाम के साथ अमेरिका से आयात होने वाले 29 उत्पादों पर शुल्क वृद्धि की घोषणा की थी। यह वृद्धि चार अगस्त से प्रभावी होनी है। इस आशय की सूचना इससे पहले भारत ने विश्व व्यापार संगठन को भी दे दी है।
बैठक की जानकारी देते हुए वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बातचीत से इस बात की उम्मीद जगी है कि अमेरिका स्टील व एल्यूमीनियम पर लगायी गई इम्पोर्ट ड्यूटी पर राहत दे सकता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर अमेरिका इस दिशा में कुछ कदम उठाता है तो वह भी शुल्क वृद्धि लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है। अगले महीने के आखिर में दोनों देशों के बीच अगली बैठक होगी। अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों में व्यापार के मतभेद वाले मुद्दों पर मिलकर काम करने पर सहमति बनी है। वाशिंगटन में होने वाली इस बैठक में इस वार्ता को आगे बढ़ाया जाएगा। इसी बैठक में उत्पादों की सूची तैयार की जाएगी जिसे राजनीतिक नेतृत्व की मंजूरी के बाद जारी किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि 1976 से लागू जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस (जीएसपी) के तहत आने वाले घरेलू उत्पादों को मिलने वाली राहत फिर से बहाल की जाए। इसके तहत कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट और इंजीनियरिंग क्षेत्र के उत्पादों की पहुंच अमेरिकी बाजार में न केवल अधिक थी बल्कि करीब 3500 उत्पादों को शुल्क मुक्त प्रवेश की सुविधा थी। अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के आपसी व्यापार को आगे ले जाने के लिए तीन स्तर पर काम करने पर सहमति बनी है। एक श्रेणी शॉर्ट टर्म मुद्दों की होगी, दूसरी मिड टर्म और तीसरी श्रेणी में लांग टर्म मुद्दों को शामिल किया जाएगा। सूत्र बताते हैं आयात शुल्क से जुड़े टकराव को शॉर्ट टर्म मुद्दों की श्रेणी में रखा गया है जिनका तत्काल हल निकाले जाने की आवश्यकता है।