भारत-अमेरिका के बीच कारोबारी मसलों पर बातचीत शुरू, सोयाबीन आयात हुआ शुल्क मुक्त
चीन की कैबिनेट ने भारत, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, लाओस और श्रीलंका से आयातित सोयाबीन पर शुल्क को तीन फीसद से घटाकर शून्य करने का एलान किया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वार की स्थिति से भारत को फायदा मिलता दिख रहा है। चीन ने भारत समेत पांच एशियाई देशों से सोयाबीन के आयात को शुल्क मुक्त करने का एलान किया है। नई दरें पहली जुलाई से प्रभावी होंगी। अभी चीन के लिए अमेरिका सोयाबीन का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
आधिकारिक मीडिया के अनुसार, चीन की कैबिनेट ने भारत, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, लाओस और श्रीलंका से आयातित सोयाबीन पर शुल्क को तीन फीसद से घटाकर शून्य करने का एलान किया है। इन देशों से आयात होने वाले रसायन, कृषि उत्पाद, चिकित्सा उपकरण, कपड़े, स्टील व एल्यूमीनियम उत्पादों पर भी शुल्क में कटौती की जाएगी। इन पांचों देशों से आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर एशिया-प्रशांत व्यापार समझौते के दूसरे संशोधन के अनुरूप दरें प्रभावी होंगी। उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि इससे तिलहन खली का आयात बढ़ाने में मदद मिलेगी। संगठन ने आयात को लेकर चीन के नियमों में ढील की उम्मीद भी जताई। ऐसा होने से तिलहन खली का निर्यात चार से पांच लाख टन तक पहुंच सकता है।
चीन की ओर से आयात शुल्क घटाने का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जबकि अमेरिका के साथ व्यापार के मोर्चे पर उसकी तनातनी चल रही है। चीन के साथ द्विपक्षीय कारोबार में अमेरिका का व्यापार घाटा 375 अरब डॉलर का है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर लगातार इस बात को लेकर दबाव बना रहे हैं।