कंपोजीशन डीलरों को भी रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म से फौरी राहत
चालू वित्त वर्ष में जीएसटी में सिंगल मासिक रिटर्न लागू करने का प्रस्ताव है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाए गए मंत्री समूह की सिफारिशों से साफ है कि कंपोजीशन स्कीम के डीलरों पर भी रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) लागू करने की संभावनाएं फिलहाल खत्म हो गई हैं।
इन व्यापारियों को भी आरसीएम के दायरे में लाने के बारे में विचार किया जा रहा था। दूसरी ओर, डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में दो प्रतिशत छूट देने के प्रस्ताव पर मंत्री समूह का कहना है कि वित्त वर्ष 2018-19 में राजस्व संग्रह की स्थिति को देखने के बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय किया जाना चाहिए। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी में सिंगल मासिक रिटर्न लागू करने का प्रस्ताव है इसलिए दरों में छूट देने संबंधी प्रस्ताव पर फिलहाल अमल नहीं होना चाहिए क्योंकि इसे लागू करने में व्यावहारिक दिक्कतें आ सकती हैं। साथ ही इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि यह छूट देने से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। अगर यह छूट दी जाती है तो इससे सालाना लगभग 14000 करोड़ रुपये का बोझ खजाने पर पड़ेगा।
सरकार ने 10 नवंबर 2017 को गुवाहटी में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में बीटूसी (व्यापारी से ग्राहक) लेनदेन चैक या डिजिटल मोड में करने पर जीएसटी में दो प्रतिशत (एक प्रतिशत सीजीएसटी और एक प्रतिशत एसजीएसटी) छूट देने का प्रस्ताव किया था। यह छूट अधिकतम 100 रुपये ही होगी। यह छूट उसी स्थिति में मिलेगी जब किसी वस्तु पर जीएसटी की दर तीन प्रतिशत से अधिक है। हालांकि उस समय इस पर चर्चा नहीं हो सकी। इसके बाद काउंसिल ने चार मई को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में इस विषय पर चर्चा की लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका।