देश के बैंकिंग सेक्टर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध: पीयूष गोयल
गोयल को इस हफ्ते अस्थायी रूप से वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी तबतक के लिए सौंपी गई है जब तक कि अरुण जेटली की सेहत दुरुस्त नहीं हो जाती
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा है कि वह जल्द से जल्द बैंकिंग सेक्टर को वापस पटरी पर लेकर आएंगे। उनकी ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब बैंकिंग सेक्टर स्कैंडल्स और बेड डेट के बोझ के जूझ रहा है।
गोयल को इस हफ्ते अस्थायी रूप से वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी तबतक के लिए सौंपी गई है जब तक कि अरुण जेटली की किडली ट्रांसप्लांट के बाद सेहत दुरुस्त नहीं हो जाती। गोयल ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के हेड के साथ मुलाकात की है।
बैठक के बाद उन्होंने कहा, “हम इस उद्योग की सुव्यवस्थित रूप से वृद्धि सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों से उच्चतम स्तर की जांच और जवाबदेही की अपेक्षा की जाती है।” गोयल को जेटली का करीबी माना जाता है। अतिरिक्त भार मिलने पर कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। वह सारा काम रेल भवन से ही कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया, “जेटली की सेहत सुधार देखने को मिल रहा है। कल ही मैंने उनसे मुलाकात की है और उनकी सलाह ली। उन्होंने मुझे कुछ मामले दिये हैं जिनका मैं अनुसरण कर रहा हूं।”
गोयल, जो देश के रेल और कोल मंत्री है, ने कहा, “हमारी प्राथमिकता पूरी बैंकिंग प्रणाली को वापस अपने पैरों पर खड़े करना है और सरकार की ओर से 2014 से चल रही परंपरा (लीगेसी) को आगे बढ़ाना है।” यहां पर लीगेसी से उनका मतलब यूपीए की सरकार के कार्यकाल में दिये गये अविवेकपूर्ण रूप से लोन का वितरण था। कई कंपनियां विशेषरूप से पावर, स्टील और टेलिकॉम सेक्टर, अर्थव्यवस्था में मंदी और क्षेत्रीय दिक्कतों के चलते डेट को चुकाने में असमर्थ हैं। इस मुश्किल को बढ़ाते हुए बीते कुछ महीनों में कई स्कैंडल्स सामने आए हैं जिनके कारण बैंक की इमेज प्रभावित हुई है।