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देश के पांच सरकारी बैंकों को मिलेगी 113 अरब रुपये की पूंजी, PNB को सबसे ज्यादा फायदा

सरकारी बैंकों के लिए जो 2.11 लाख करोड़ रुपये के पुनर्पूजीकरण पैकेज का एलान किया गया था उसमें से 1.35 लाख करोड़ रुपये की राशि बांड्स व वित्तीय मदद के जरिये दी जानी थी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 09:22 AM (IST)
देश के पांच सरकारी बैंकों को मिलेगी 113 अरब रुपये की पूंजी, PNB को सबसे ज्यादा फायदा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने नीरव मोदी घोटाले के चलते वित्तीय संकट में आए पंजाब नेशनल बैंक समेत पांच सरकारी बैंकों को 11,336 करोड़ रुपये पूंजी देने का फैसला किया है। सरकार की ओर से दी गई इस पूंजी में पीएनबी को सबसे ज्यादा 2816 करोड़ रुपये पूंजी मिलेगी। ये सभी बैंक मानकों के अनुरूप पूंजी जुटाने और बरकरार रख पाने में अक्षम साबित हो रहे थे।

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सरकारी क्षेत्र के बैंकों की बदहाल दशा तो नहीं सुधर रही है लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से दी जाने वाली पूंजी लगातार बढ़ती जा रही है। अक्टूबर, 2017 में सरकारी क्षेत्र के बैंकों को 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। इसमें से 8,139 करोड़ रुपये की पूंजी पहले दी गई थी। मंगलवार को केंद्र सरकार ने अतिरिक्त पूंजी देने का फैसला किया है। पूंजी पाने वाले बैंकों में आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और इलाहाबाद बैंक भी शामिल हैं। इन पांचों बैंकों की वित्तीय स्थिति बेहद खस्ताहाल है।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि नीरव मोदी के वित्तीय घोटाले को रोक पाने में असफल रहे पीएनबी को सबसे ज्यादा 2816 करोड़ रुपये मिलेंगे। नीरव मोदी ने बैंक को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया था। दूसरे स्थान पर कॉरपोरेशन बैंक है जिसे 2555 करोड़ रुपये, फिर इंडियन ओवरसीज बैंक 2,157 करोड़ रुपये, आंध्रा बैंक 2,019 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक को 1790 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। इन सभी बैंकों के फंसे कर्जे (एनपीए) बहुत ज्यादा हैं। एनपीए ज्यादा होने की वजह से उक्त पांचों बैंकों को पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारी भरकम नुकसान हुआ।

सूत्रों के मुताबिक कुछ और बैंक भी है जिन्हें अतिरिक्त वित्तीय मदद की दरकार है लेकिन उक्त पांचों बैंकों को अभी तत्काल पूंजी उपलब्ध कराने की जरूरत थी। अन्य बैंकों के बारे में बाद में फैसला किया जाएगा। वैसे सरकार की तरफ से दी जाने वाली उक्त राशि का इस्तेमाल बैंक अपनी ग्राहक सेवा सुधारने या विस्तार करने में खर्च नहीं करेंगे बल्कि इनकी तरफ से जारी बांड्स में पैसा लगाने वाले निवेशकों को ब्याज देने में करेंगे।

सरकारी बैंकों के लिए जो 2.11 लाख करोड़ रुपये के पुनर्पूजीकरण पैकेज का एलान किया गया था उसमें से 1.35 लाख करोड़ रुपये की राशि बांड्स व वित्तीय मदद के जरिये दी जानी थी। कुछ सरकारी बैंकों को 71 हजार करोड़ रुपये के बांड्स जारी हो चुके हैं। शेष बची राशि में 8,133 करोड़ रुपये की राशि पिछले वर्ष दी गई थी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि तकरीबन एक दर्जन बैंक शेयर बाजार से भी पूंजी उगाहने की सोच रहे हैं। 13 सरकारी बैंकों ने अपने निदेशक बोर्ड से आवश्यक मंजूरी भी ले ली है। ये बैंक बाजार से 50 हजार करोड़ रुपये की राशि जुटा सकते हैं।


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