FY19 में 7.3 फीसद रह सकती है भारत की जीडीपी ग्रोथ: फिच
प्रमुख वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने बीते महीने भारत की सॉवरेन रेटिंग को लगातार 12वें साल अपरिवर्तित रखा था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष (2018-19) में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 7.3 फीसद रह सकती है। वहीं अगले वित्त वर्ष में यह 7.5 फीसद रह सकती है। यह अनुमान फिच ने लगाया है। फिच का कहना है कि नकदी आपूर्ति का स्तर अब नोटबंदी के पूर्व के स्तर के बराबर आ गया है और जीएसटी के कार्यान्वयन के चलते आईं रुकावटें अब खत्म हो चुकी हैं।
प्रमुख वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने बीते महीने भारत की सॉवरेन रेटिंग को लगातार 12वें साल अपरिवर्तित रखा था, ने कहा कि देश की रेटिंग, “मध्यम अवधि के विकास दृष्टिकोण को संतुलित करती है और बाहरी संतुलन एक कमजोर वित्तीय स्थिति और कठिन कारोबारी माहौल के अनुकूल है।” लेकिन कार्यान्वयन के साथ कारोबारी माहौल धीरे-धीरे सुधारने की संभावना है और सरकार के संरचनात्मक सुधार एजेंडे में निरंतर विस्तार हो रहा है।
एशिया पैसिफिक रीजन के दूसरी तिमाही के सॉवरेन क्रेडिट ओवरव्यू में फिच ने कहा, “फिच को चालू वित्त वर्ष जो कि मार्च 2019 में खत्म होगा, में ग्रोथ के 7.3 फीसद पर रहने की उम्मीद है और वित्त वर्ष 2019-20 में यह 7.5 फीसद रह सकती है, जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.5 फीसद रही थी।” साल 2017 की अंतिम तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी आई थी और यह बढ़कर 7.2 फीसद पर आ गई थी।
भारत की जीडीपी FY19 में 7.5 फीसद की दर से बढ़ेगी: डॉयचे बैंक
भारत की अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष (2018-19) में आर्थिक वृद्धि (इकोनॉमिक ग्रोथ) से 7.5 फीसद तक पहुंचने का अनुमान है। यह बात डॉयचे बैंक ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में कही है।
वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी ने कहा, “वित्त वर्ष 2018-19 के लिए हमारा आर्थिक वृद्धि दर अनुमान 7.5 (आरबीआई ने 7.4 फीसद का अनुमान लगाया है) फीसद का है, जो कि बीते वित्त वर्ष (2017-18) के 6.6 फीसद की ग्रोथ के मुकाबले जीडीपी की संभावनाओं में और सुधार करेगा।” वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का मानना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसद तक रह सकती है जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.6 फीसद रही थी। निवेश गतिविधिओं में सुधार के चलते तेजी की उम्मीद है।