फसल बीमा योजना बारे में ज्यादातर किसानों को जानकारी नहीं: सर्वे
एक तरफ सरकार और बीमा कंपनियां कृषि कर्ज नहीं लेने वाले किसानों में फसल बीमा की पैठ बढ़ाने में जुटी हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एक तरफ सरकार और बीमा कंपनियां कृषि कर्ज नहीं लेने वाले किसानों में फसल बीमा की पैठ बढ़ाने में जुटी हैं। दूसरी तरफ एक जलवायु जोखिम प्रबंध संस्था का कहना है कि देश के दो-तिहाई से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की जानकारी तक नहीं है। हालांकि संस्था के मुताबिक जिन किसानों को इस योजना की जानकारी है और जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा करवाया है, वे पीएमएफबीवाई से बेहद संतुष्ट हैं।
पीएमएफबीवाई के प्रति किसानों की जागरूकता को लेकर वेदर रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूआरएमएसपीएल) ने आठ राज्यों में इस विषय पर एक सर्वे कराया। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, नगालैंड, बिहार और महाराष्ट्र शामिल हैं। सर्वे में सामने आया कि किसानों को उचित मदद देने, बीमा कंपनियों की सक्रियता और भुगतान पाने वाले किसानों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी जैसी कई खासियतों से पीएमएफबीवाई के तहत पंजीकृत किसान बेहद संतुष्ट हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में शामिल महज 28.7 फीसद किसानों को पीएमएफबीवाई के बारे में पता है। डब्ल्यूआरएमएस ने रिपोर्ट में कहा कि कृषि कर्ज नहीं लेने वाले किसानों की पीएमएफबीवाई में पंजीकरण प्रक्रिया बेहद कठिन है। उन्हें स्थानीय राजस्व विभाग से जमीन के रिकॉर्ड और बुवाई प्रमाण पत्र जैसे कागजात हासिल करने पड़ते हैं, जो बेहद वक्त-खपाऊ प्रक्रियाएं हैं। दूसरी तरफ जिन किसानों ने कृषि कर्ज लिया हुआ है, उन्हें इन प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ता।
सर्वे के मुताबिक जिन्हें योजना की जानकारी थी, उनमें से सिर्फ 12.9 फीसद किसान पीएमएफबीवाई के तहत पंजीकरण कराने में सफल हो पाए। उनमें भी 77 फीसद वैसे किसान थे, जिन्होंने कृषि कर्ज लिया हुआ था।1इतना ही नहीं, सर्वे के मुताबिक बैंक की शाखाओं और ग्राहक सेवा केंद्रों के ऊपर अन्य कामों का इतना ज्यादा दबाव होता है, कि वे पीएमएफबीवाई के तहत पंजीकरण कराने आए किसानों के लिए समय ही नहीं निकाल पाते हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में पीएमएफबीवाई लांच किया था।