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दफ्तरों और फैक्ट्रियों की कैंटीन को सर्विस देने वाले बाहरी वेंडर्स को देना होगा 18 फीसद जीएसटी

अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) के ताजा फैसले के मुताबिक अब कारखानों की कैंटीन को सेवाएं देने वाले बाहरी वेंडर्स को 18 फीसद का जीएसटी चुकाना होगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 12:28 PM (IST)

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। दफ्तरों (कार्यालयों) और कारखानों में बाहरी विक्रेताओं (वेंडर्स) की ओर से प्रदान की जाने वाली कैंटीन सेवाओं पर 18 फीसद जीएसटी लगाया जाएगा। यह जानकारी अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने दी है।

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गुजरात बेंच की अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग अपना आदेश रश्मि हॉस्पिटल सर्विसेज की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया। इस याचिका में पूछा गया था कि ऑफिस की गैर वातानुकूलित कैंटीन को की जाने वाली आपूर्ति पर जीएसटी की दर 12 फीसद होगी या फिर 18 फीसद।

अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने कहा कि रश्मि हॉस्पिटालिटी की ओर से उन लोगों को उपलब्ध करवाई जाने वाली कैटरिंग सर्विस, जिनके पास दफ्तरों (ऑफिसेज) या फैक्ट्रियों के भीतर खुद की कैंटीन है, जहां पर खाना, स्नैक्स और चाय का उपभोग कर्मचारियों और श्रमिकों की ओर से किया जाता है, ऐसे में हॉस्पिटॉलिटी कंपनी को अपनी प्रकृति को नहीं बदलना चाहिए। 

एएआर ने अपने आदेश में कहा, “रश्मि हॉस्पिटालिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से जिस सेवा की आपूर्ति की जाती है वो जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) एक्ट के अंतर्गत आती है और उस पर 18 फीसद का जीएसटी लागू होता है (9 फीसद का सीजीएसटी और 9 फीसद का एसजीएसटी)।”  

ट्रेन में भी खाने पर लगेगा 5 फीसद जीएसटी: अब ट्रेन के सफर के दौरान आपको खाना खाना थोड़ा महंगा पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब ट्रेन में उपलब्ध खाने पीने की चीजों पर आपको 5 फीसद जीएसटी चुकाना होगा। अथॉरिटी फॉर एडवांस रुलिंग (AAR) की ओर से जारी एक हालिया बयान में कहा गया था कि कि इस तरह के खाने पर 5 फीसद के कंसेशसनल टैक्स के बदले जीएसटी वसूला जाएगा, जैसा कि सरकार के सर्कुलर में कहा गया है। दिल्ली AAR ने अपनी रुलिंग में कहा था कि इंडियन रेलवे ट्रांसपोर्ट का एक साधन है न कि रेस्टोरेंट, मेस या फिर कैंटीन।


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