वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगा CAIT
वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा मौजूदा कानूनों का उल्लंघन करता है और वह सौदे को कानूनी स्तर पर चुनौती देने का विचार कर रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। व्यापारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बुधवार को कहा कि हालिया वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा मौजूदा कानूनों का उल्लंघन करता है और वह सौदे को कानूनी स्तर पर चुनौती देने का विचार कर रहा है। एक बयान में संगठन ने सरकार से इस सौदे की गंभीरता से जांच करने की गुजारिश की है।
संगठन मानता है कि इस सौदे से रिटेल कारोबार और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। कैट ने बयान में कहा कि उसके वकील इस मामले का गंभीरता से अध्ययन कर रहे हैं और बहुत जल्द संगठन उचित और सक्षम मंचों पर सौदे के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगा।
अपने बयान में संगठन ने कहा, ‘कैट ने वालमार्ट -फ्लिपकार्ट सौदे को चुनौती देने का फैसला किया है, क्योंकि यह सौदा मौजूदा कानूनों के अनुरूप नहीं है। अगर सौदा हुआ, तो यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) नीति का उल्लंघन होगा और कारोबार के लिए गैर-बराबरी की स्थिति पैदा करेगा। इसके अलावा इस सौदे के जरिये वालमार्ट ई-कॉमर्स के रास्ते ऑफलाइन कारोबार को बढ़ावा देने के छुपे एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है।
पहले से मौजूद है वालमार्ट
वालमार्ट कंपनी का पहले भारती रिटेल के साथ करार हुआ था। बाद में समझौता समाप्त होने के बाद वालमार्ट इंडिया देश में कैश एंड कैरी (थोक) के 21 स्टोर संचालित कर रही है। कंपनी 95 फीसद उत्पादों की खरीद घरेलू स्तर पर ही करती है।
फ्लिपकार्ट ने भी किए थे कई अधिग्रहण
2007 में स्थापित फ्लिपकार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में कई अहम पड़ाव हासिल किए। कंपनी ने मिंतरा, जाबोंग और फोन पे सरीखी कई कंपनियों के अधिग्रहण से अपना आकार बढ़ाया। साल 2017-18 में कंपनी ने 4.6 अरब डॉलर की बिक्री दर्ज की। कंपनी 80 से अधिक श्रेणियों में करीब 80 लाख उत्पादों की बिक्री करती है।