इलाहाबाद बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ के छिने अधिकार
चार्जशीट में अनंत सुब्रमणियन पर आरोप हैं कि जब वह पीएनबी की एमडी थीं, तब वह इस घोटाले को पकड़ने और रोकने में असफल रही थीं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। उम्मीद के मुताबिक इलाहाबाद बैंक के निदेशक बोर्ड ने मंगलवार को अपनी मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ उषा अनंत सुब्रमणियन से उनके सारे प्रशासनिक अधिकार छीन लिये हैं। पीएनबी घोटाले में सीबीआइ की तरफ से चार्जशीट दायर किए जाने के बाद सरकार ने इलाहाबाद बैंक को बोर्ड की आपातकालीन बैठक बुलाने का आदेश दिया था। चार्जशीट में अनंत सुब्रमणियन पर आरोप हैं कि जब वह पीएनबी की एमडी थीं, तब वह इस घोटाले को पकड़ने और रोकने में असफल रही थीं।
इलाहाबाद बैंक के बोर्ड ने सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द नए एमडी व सीईओ की नियुक्ति करे। वित्त मंत्रलय के सूत्रों का कहना है कि इलाहाबाद बैंक समेत कुछ अन्य बैंकों के शीर्ष पदों पर नई नियुक्तियों के बारे में सुझाव बैंकिंग बोर्ड ब्यूरो को भेज दिए गए हैं। यह भी आग्रह किया गया है कि फैसला किया जाए।
उषा अनंत सुब्रमणियन के खिलाफ इस तरह का सख्त कदम उनके शानदार कैरियर का बेहद निराशाजनक अंत है। वर्ष 2013 में जब यूपीए सरकार ने देश में महिलाओं के लिए विशेष भारतीय महिला बैंक बनाने का फैसला किया था, तब उन्हें उस बैंक का शीर्ष पद दिया गया था। बाद में वर्ष 2015 में उन्हें पीएनबी के शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया। अब यह सच्चाई सामने आ रही है कि उन्होंने वर्ष 2015 से मई, 2017 के बीच पीएनबी के शीर्ष पद पर रहते हुए नीरव मोदी और उसके साथियों के घोटाले को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
आइडीबीआइ बैंक के दो स्वतंत्र निदेशकों की इस्तीफा
सरकारी क्षेत्र के आइडीबीआइ बैंक के दो स्वतंत्र निदेशकों निनाद करपे और एस. रवि ने इसके बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। सीबीआइ द्वारा 600 करोड़ रुपये कर्ज के मामले में एफआइआर दर्ज किए जाने के कुछ दिनों बाद निदेशकों ने यह कदम उठाया है। बैंक द्वारा यह कर्ज एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी. शिवशंकरन, उनके पुत्र और उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों को दिए गए थे। करपे 11 मई और रवि 12 मई से बैंक के स्वतंत्र निदेशक नहीं रहे। सीबीआइ ने एफआइआर में स्वतंत्र निदेशकों समेत कुछ अधिकारियों को भी नामजद किया है।