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दो साल में ई-नाम जुड़ेंगी 415 मंडियां : राधा मोहन सिंह

श के किसानों की उपज का सही मूल्य दिलाने और पैदावार के पारदर्शी व्यापार को बढ़ावा देने वाली ई-नाम योजना में अगले दो साल में 415 बाजार और जुड़ जाएंगी।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 11:00 AM (IST)

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के किसानों की उपज का सही मूल्य दिलाने और पैदावार के पारदर्शी व्यापार को बढ़ावा देने वाली ई-नाम योजना में अगले दो साल में 415 बाजार और जुड़ जाएंगी। इनमें से 200 मंडियां इस वर्ष और 215 अगले वर्ष जुड़ेंगी। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के इस प्लेटफार्म पर 16 राज्यों के अब तक 1.14 करोड़ किसान पंजीकरण करा चुके हैं।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल में बताया कि राजग की पिछली सरकार ने 2003 में कृषि विपणन क्षेत्र में सांकेतिक सुधार मॉडल अधिनियम बनाया था। इसमें ई-नाम, ई-व्यापार के साथ संविदा खेती और एकीकृत व्यापार लाइसेंस की व्यवस्था शामिल थी। लेकिन उसके बाद 2014 तक इसमें कुछ नहीं हुआ। 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद इसकी दिशा में काम तेज किया गया।

सिंह ने बताया कि बाद में सरकार ने ई-नाम के रूप में इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार लांच किया। अब तक इससे 585 मंडियों को जोड़ा जा चुका है। सरकार कुल 1000 मंडियों को इस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म से जोड़ना चाहती है। इसके अतिरिक्त सरकार देश की 22 हजार ग्रामीण हाटों को विकसित कर इन्हें ई-नाम प्लेटफार्म के साथ एकीकृत करने की दिशा में भी काम कर रही है।

एक अन्य प्रश्न के जवाब में कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 1.14 करोड़ किसानों के अतिरिक्त ई-नाम प्लेटफार्म पर कृषि क्षेत्र में ट्रेडिंग करने वाले एक लाख 14 हजार व्यापारी भी अपना पंजीकरण करा चुके हैं। इनके अतिरिक्त कुछ आढ़तिये भी इस प्लेटफार्म से जुड़ चुके हैं।

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