Move to Jagran APP

कमजोर मानसून से सहमा बाजार

रिजर्व बैंक की तरफ से महंगाई बढ़ने की आशंका और विकास की संभावनाओं के एलान के बाद शेयर बाजार तेजी से कमजोर हुआ। बीते सप्ताह बाजार में दिसंबर, 2011 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। मानसून 88 फीसद रहने की आशंका ने महंगाई के डर को

By Edited By: Published: Mon, 08 Jun 2015 02:57 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2015 03:01 AM (IST)
कमजोर मानसून से सहमा बाजार

रिजर्व बैंक की तरफ से महंगाई बढ़ने की आशंका और विकास की संभावनाओं के एलान के बाद शेयर बाजार तेजी से कमजोर हुआ। बीते सप्ताह बाजार में दिसंबर, 2011 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। मानसून 88 फीसद रहने की आशंका ने महंगाई के डर को बढ़ा दिया है। इसलिए लगता है कि रिजर्व बैंक अब इस साल ब्याज दरों में और कटौती नहीं करेगा। हालांकि हमें लगता है कि मानसून कमजोर रहने की आशंका बढ़ा-चढ़ा कर बताई गई आशंका है। ज्यादा प्रभावी यह होगा कि बारिश की किस इलाके में किस वक्त कितनी होगी।

loksabha election banner

खेती को ज्यादा प्रभावित मानसून की यही बात करेगी। अगर बारिश की कुल मात्रा सामान्य से कम भी रहती है, लेकिन बारिश समय पर हो और इसका वितरण सही रहे तो कमजोर मानसून का असर खरीफ की फसल पर बेहद सीमित होगा। इसके अलावा मध्य और दक्षिण भारत में किसान कपास की खेती की तरफ ज्यादा मुड़ रहे हैं। इसमें कम पानी की जरूरत होती है। साथ ही अगर सूखे जैसी आशंका होती भी है, तो भारत सरकार पहले ही इसके लिए तैयार है। अपना पूंजीगत खर्च बढ़ाने का एलान कर चुकी है। सरकार के ये कदम कृषि की कमजोर विकास दर की आशंका की क्षतिपूर्ति करने में सफल रहे हैं।

हालांकि हमारा अभी भी भरोसा है कि अगले तीन-चार महीनों में अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में सुधार के मजबूत संकेत मिलने शुरू हो जाएंगे। इसकी वजह सरकार के सार्वजनिक खर्च में वृद्धि, महंगाई की स्थिर दर और नरम ब्याज दरों से मांग में वृद्धि रहेगी। इसके अतिरिक्त पिछले एक साल में बुनियादी ढांचागत क्षेत्र खासतौर पर सड़क और रेलवे में हुए सुधारों का असर भी तब तक दिखना शुरू हो जाएगा। इससे बैंकों पर भी दबाव कम होगा, जिसके बाद वे ब्याज दरों में और कटौती कर सकेंगे। सोमवार को रिजर्व बैंक चालू खाते के घाटे के आंकड़े जारी करेगा। इसी दिन रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक भी होनी है। वैश्विक संदर्भों में देखें तो सोमवार से जर्मनी में जी 7 देशों की बैठक शुरू हो रही है। बुधवार को ब्रिटेन के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होंगे। गुरुवार को चीन से औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आएंगे। अमेरिका से बेरोजगारी के आंकड़े भी इसी दिन जारी होंगे।
संदीप पारवाल
एमडी
एसपीए
कैपिटल्स

संबंधित अन्य सामग्री पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.