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तकनीक से युवा निवेशकों को खींचेगा फंड

तकनीकी म्यूचुअल फंड कारोबार को किस तरह से प्रभावित करेगी? -सबसे पहले तो यह स्वीकार करना पड़ेगा कि तकनीकी पूरे वित्तीय क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। उदाहरण के तौर पर बैंकिंग क्षेत्र को देख लीजिए। टेक्नोलॉजी ने बैंकों के कामकाज करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।

By Edited By: Published: Mon, 20 Jul 2015 01:06 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2015 06:04 AM (IST)
तकनीक से युवा निवेशकों को खींचेगा फंड

तकनीकी म्यूचुअल फंड कारोबार को किस तरह से प्रभावित करेगी?
-सबसे पहले तो यह स्वीकार करना पड़ेगा कि तकनीकी पूरे वित्तीय क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। उदाहरण के तौर पर बैंकिंग क्षेत्र को देख लीजिए। टेक्नोलॉजी ने बैंकों के कामकाज करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। कुछ वर्ष पहले तक ज्यादातर भुगतान चेक से होते थे, मगर अब अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हो रहे हैं। टैक्सी कारोबार को देख लीजिए। एक मोबाइल एप से पूरा टैक्सी कारोबार बदल चुका है। ऐसा ही बदलाव हम म्यूचुअल फंड कारोबार में भी देखेंगे। इसकी शुरुआत हो चुकी है। म्यूचुअल फंड के लिए तकनीकी के माध्यम से अपनी बात बड़े समूह तक पहुंचाना काफी आसान हो गया। यूट्यूब, ट्विटर वगैरह ने यह काम काफी आसान कर दिया है। इससे हम लोगों से आसानी से जुड़ जाते हैं। साथ ही बाजार में जो नया व युवा वर्ग आ रहा है उसके साथ संपर्क साधना आसान हो गया है। यह वर्ग पहले से ही तकनीकी में अनुभवी है। इसलिए यह नई तकनीकी के जरिये आने वाली बातों को जल्दी समझता है। यह म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए कारोबार को आसान भी कर दिया है। कुछ मामले में चुनौतीपूर्ण भी बना दिया है।

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यूटीआइ एमएफ इस मामले में क्या कर रही है?
-हम तकनीकी में हो रहे बदलावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। अब म्यूचुअल फंड में बैंकों जैसी तकनीकी की जरूरत नहीं है, क्योंकि वहां बैंक और ग्राहकों में सीधे संपर्क होता है। लेकिन फंड कारोबार में बीच में इंटरमीडियरीज की भूमिका काफी अहम होती है। 85 फीसद फंड कारोबार इन इंटरमीडियरीज के जरिये होता है। इसलिए हम ऐसी तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं जो इन्हें ज्यादा अधिकार दे। इस लिहाज से हमने हाल ही में यूटीआइ बडी के नाम से एक मोबाइल एप लांच किया है। यह कंपनी के फंड सलाहकारों के लिए हैं। यह ग्राहकों को स्कीमों का सुझाव देने के साथ ही कमीशन के बारे में बताएगा। ग्राहकों के पोर्टफोलियो पर ज्यादा सतर्कता से नजर रखेगा। फंड प्रबंधकों के वीडियो को देखने वगैरह की सुविधा देगा। बाद में इस एप के जरिये फंड में निवेश के लिए और भी कई सुविधाएं जोड़ेंगे। एप फंड सलाहकारों को यह सुविधा देगा कि वह फंड निवेशकों को सही जानकारी एकदम समय पर उपलब्ध कराएं।

यूटीआइ बडी का आम ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
-यह कई तरह से फंड के ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह ग्राहकों के लिए निवेश संबंधी फैसले को आसान कर देगा। इसमें गड़बड़ी की संभावना कम है और फंड प्रबंधकों की तरफ से ग्राहकों को गलत सूचना देने की गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी। साथ ही कम समय में निवेश फैसले को अंजाम दिया जा सकेगा। इसकी लागत घटाने में मदद मिलेगी, जिसका फायदा भी ग्राहकों को मिलेगा। ऐसे समय जब बाजार में काफी ज्यादा उथल-पुथल हो रही है, ऐसा एप निवेशकों के लिए निवेश फैसला करना आसान बना देगा।

यूटीआइ एमएफ छोटे शहरों की तरफ भी जा रही है, वहां पर टेक्नोलॉजी से क्या फर्क पड़ेगा?
- हां, यूटीआइ एमएफ ने छोटे शहरों पर ज्यादा फोकस करना शुरू किया है। हम नए फंड के साथ इंदौर, भोपाल, चंडीगढ़, लखनऊ जैसे शहरों पर अधिक ध्यान देने जा रहे हैं। तकनीकी विकास को लेकर अब मेट्रो शहरों, महानगरों और छोटे शहरों में कोई बड़ा अंतर नहीं रह गया है। आइटी की पहुंच अब हर जगह है। छोटे शहरों के युवा लोग भी मोबाइल एप या निवेश के लिए उतने ही जागरूक हैं जितना कि महानगरों के। इससे हमारे लिए आसान हो गया है कि हर शहर के लिए एक केंद्रीय योजना बना सकें। हमारे मोबाइल एप्स का फायदा हर छोटे बड़े शहर या गांव के निवेशकों को भी मिलेगा। साथ ही हमने अपनी वेबसाइट को भी एकदम नया रूप दिया है।
सूरज काले
ग्रुप प्रेसिडेंट (सेल्स व मार्केटिंग)
यूटीआइएमएफ

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