विदेशी कारक तय करेंगे दिशा
अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजारों में हो रही उठापटक के बावजूद दलाल स्ट्रीट की दिशा अभी ऊपर की तरफ रह सकती है। अगस्त में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का बीते 34 महीनों में सर्वाधिक ऊंचाई पर रहना, अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 35 फीसद की
अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजारों में हो रही उठापटक के बावजूद दलाल स्ट्रीट की दिशा अभी ऊपर की तरफ रह सकती है। अगस्त में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का बीते 34 महीनों में सर्वाधिक ऊंचाई पर रहना, अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 35 फीसद की तेज वृद्धि, बीते महीने ईंधन की खपत में 14 फीसद की बढ़ोतरी और महंगाई की स्थिति में सुधार अर्थव्यवस्था के बेहतर दिनों की तरफ संकेत कर रहे हैं।
कंपनियों के नतीजों की शुरुआत भी अच्छी रही है। उम्मीद है कि आगे भी यही रुख बना रहेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो बातें घरेलू बाजारों के हक में जाती दिख रही हैं। पहली, यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) की तरफ से दिसंबर में राहत पैकेज के संकेत और दूसरा, अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि के संभावित असर का डर कम होना। बिहार विधानसभा चुनावों में तीसरे चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होना है। उसके बाद चौथे चरण का मतदान 2 नवंबर और पांचवें चरण में वोटिंग 5 नवंबर को होनी है। इन चुनावों का जो भी नतीजा होगा, वे केंद्र सरकार के सुधार कार्यक्रम की दिशा तय करेगा। चूंकि केंद्र की राजग सरकार को राज्यसभा में संख्याबल बढ़ाना है, इसलिए उसे बिहार में जीतना आवश्यक है।
घरेलू मोर्चे पर इस सप्ताह कोई खास आंकड़े नहीं आने हैं। बाजार अंतरराष्ट्रीय संकेतों पर निर्भर करेगा। गुरुवार को वायदा कारोबार की एक्सपायरी होने के चलते इस सप्ताह बाजार में तेज उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है। इस सप्ताह जिन प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने हैं उनमें भारती एयरटेल, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, ल्यूपिन, मारुति सुजुकी, वेदांत शामिल हैैं। अगले सप्ताह तेल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल कीमतों की समीक्षा करेंगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार के खिलाड़ियों की नजर मंगलवार और बुधवार को होने वाली फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक पर रहेगी। शुक्रवार को बैंक ऑफ जापान भी ब्याज दरों की समीक्षा के लिए बैठक कर रहा है।
संदीप पारवाल
एमडी
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