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निवेशक बनने के लिए धैर्य जरूरी

निवेशक एडवाइजर्स की आम तौर पर शिकायत रहती है कि निवेशक अपने निवेश को लेकर धैर्य नहीं रखते। निवेशक अक्सर शेयर खरीदते और बेचते हैं और बेहद अल्पावधि दृष्टि रखते हैं। हालांकि, यह छवि शेयर बाजार के निवेशकों के संबंध में सत्य है। शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग

By Edited By: Published: Mon, 09 Nov 2015 10:45 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2015 10:53 AM (IST)
निवेशक बनने के लिए धैर्य जरूरी

निवेशक एडवाइजर्स की आम तौर पर शिकायत रहती है कि निवेशक अपने निवेश को लेकर धैर्य नहीं रखते। निवेशक अक्सर शेयर खरीदते और बेचते हैं और बेहद अल्पावधि दृष्टि रखते हैं। हालांकि, यह छवि शेयर बाजार के निवेशकों के संबंध में सत्य है। शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग अपनी शेयरों को तीन संभावित कारणों के चलते बेचते हैं। उन्हें नुकसान हो तब, फायदा हो तब, उन्हें नुकसान या फायदा न हो तब।

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हालांकि म्यूचुअल फंड के निवेशकों की प्रवृति इसके उलट होती है। बहुत से लोग हैं जो मझोले फंड पर भी लंबी अवधि तक निवेश जारी रखते हैं, जिससे उनके संभावित रिटर्न का बड़ा हिस्सा उन्हें नहीं मिल पाता है। इस तरह एक लंबी अविध में निवेशक अपने रिटर्न का अधिकांश भाग गवां देते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि निवेशकों को कोई घटना होते ही अपना निवेश निकालकर खुश होना चाहिए? क्या वास्तव में ऐसा नहीं है। इसका मतलब यह है कि हम में से जो लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं उन्हें अल्पावधि में गिरावट व दीर्घावधि तक खराब प्रदर्शन या उम्मीद से कम प्रदर्शन के बीच अंतर को समझना चाहिए।

मैं जब इक्विटी फंड द्वारा प्रबंधित संपत्तियों पर नजर डालता हूं तो उससे उन फंड का दीर्घावधि प्रदर्शन दिखता है। सामान्यत: जिन फंड का प्रदर्शन बेहतर रहा है, उनमें अच्छा निवेश आया है और इस तरह वे अधिक धनराशि का प्रबंधन कर रहे हैं। रोचक बात यह है कि इसमें काफी विसंगतियां हैं। कई ऐसे फंड हैं जिनका प्रदर्शन बहुत खराब है, लेकिन वे बड़़ी धनराशि का प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश फंड ऐसे हैं, जिनका विगत में प्रदर्शन बेहतर रहा है। इसलिए वफादार निवेशकों ने इसमें निवेश जारी रखा है। यह वास्तव में अर्थपूर्ण लगता है।

हालांकि कई ऐसे फंड हैं, जिन्होंने कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, बाजार में वे हमेशा पिछड़े हैं, उसके बावजूद वे हजारों करोड़ रुपये की संपत्तियों का प्रबंधन कर रहे हैं। इन फंड के पास इतनी बड़ी तादाद में संपत्तियां सृजित होने की एक वजह सेल्समेनशिप बताई जा सकती है, लेकिन इसके लगातार बने रहने का दोष निवेशकों को जाना चाहिए, जो अपने धन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हम में से कई ऐसे लोग हैं, जो अपने निवेश की अनदेखी कर रहे हैं और संभावित रिटर्न का नुकसान उठा रहे हैं। निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो से खराब प्रदर्शन करने वाले निवेश को हटाने की जरूरत है।
धीरेंद्र कुमार

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