Move to Jagran APP

चीन व ग्रीस के संकट से न हों चिंतित

करीब एक महीने से इक्विटी निवेशक अपनी नहीं सुन पा रहे हैं। ग्रीस और चीन से उठे भीषण शोर में वे खो गए हैं। मुझे पूरा यकीन है कि दोनों देशों में मचे कोहराम से निवेशक अनजान नहीं होंगे। वैसे तो ग्रीस को लेकर अखबारों में ज्यादा सुर्खियां बनीं, लेकिन

By Edited By: Published: Mon, 20 Jul 2015 12:38 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2015 06:04 AM (IST)

करीब एक महीने से इक्विटी निवेशक अपनी नहीं सुन पा रहे हैं। ग्रीस और चीन से उठे भीषण शोर में वे खो गए हैं। मुझे पूरा यकीन है कि दोनों देशों में मचे कोहराम से निवेशक अनजान नहीं होंगे। वैसे तो ग्रीस को लेकर अखबारों में ज्यादा सुर्खियां बनीं, लेकिन चीन का मामला न केवल कहीं अधिक दिलचस्प है बल्कि सबक सिखाने वाला भी है।

loksabha election banner

चीन के शेयर बाजारों का बुलबुला फट गया है। एक माह की भारी गिरावट ने इसे अर्श से फर्श पर पहुंचा दिया है। बाजारों में जान फूंकने और गिरावट को थामने के लिए चीन सरकार और नियामक ने कुछ बेहद अजीबो-गरीब कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में हाल ही में चीन के शेयर बाजार नियामक ने सभी बड़े शेयरधारकों (स्टॉक में पांच फीसद से ज्यादा रखने वाले) को छह माह के लिए कोई स्टॉकनहीं बेचने का आदेश दिया है। उन्हें बाजारों में अस्थिरता को रोकने के निर्देश मिले हैं। शंघाई में सूचीबद्ध 2800 कंपनियों में से एक हजार से ज्यादा में ट्रेडिंग निलंबित है।

यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन चीन के बाजारों में कुछ अटपटे नियम हैं। स्टॉक मूल्यों में गिरावट के साथ नियामकों ने आइपीओ पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसका मकसद यह है कि वर्तमान स्टॉकों से पैसा बाहर न निकलने पाए। रेगुलेटर ने ट्रेडिंग के लिए मार्जिन के तौर पर खुदरा निवेशकों को सीधे अचल संपत्ति लगाने की अनुमति दे दी है। साथ ही स्टॉकों को खरीदने के लिए प्रमुख ब्रोकरेजों पर करीब 20 अरब डॉलर का ‘स्टेबिलिटी फंड’ तैयार करने का दबाव बनाया जा रहा है। इन सभी बातों से आपको एहसास हो सकता है कि एक पथभ्रष्ट नियामक बाजार को कितना गैर-बाजारू बना सकता है।

अंत में यही कहना चाहूंगा कि भारतीय निवेशकों को इस शोर को नजरअंदाज करना चाहिए। आप इस बारे में विद्वतापूर्ण लेख पढ़ सकते हैं कि क्या चीन का संकट वास्तविक अर्थव्यवस्था में फैल सकता है या फिर ग्रीस के यूरोजोन से निकलने पर इसके बाद क्या यही हश्र पुर्तगाल, इटली और स्पेन का होगा। आप सिर्फ अपने निवेश पर भी ध्यान दे सकते हैं। चीन से यदि कुछ भी सीखा जा सकता है तो वह यह है कि जब बुलबुला बढ़ना शुरू होता है तो छोटे निवेशक सबसे खराब निवेश करते हैं।
धीरेंद्र कुमार

संबंधित अन्य सामग्री पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.