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लोगों की सोशल मीडिया पोस्ट्स नहीं खंगालता टैक्स विभाग: सीबीडीटी चेयरमैन

I-T Department ने इस धारणा को एक गलतफहमी बताया कि अघोषित आय का पता लगाने के लिए वह सोशल मीडिया पोस्ट्स से विदेश भ्रमण तथा महंगी खरीदारी से जुड़ी सूचना इकट्ठा करता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 11:02 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 12:10 PM (IST)
लोगों की सोशल मीडिया पोस्ट्स नहीं खंगालता टैक्स विभाग: सीबीडीटी चेयरमैन
लोगों की सोशल मीडिया पोस्ट्स नहीं खंगालता टैक्स विभाग: सीबीडीटी चेयरमैन

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। टैक्स विभाग ने इस धारणा को एक गलतफहमी बताया कि अघोषित आय का पता लगाने के लिए वह सोशल मीडिया पोस्ट्स से विदेश भ्रमण तथा महंगी खरीदारी से जुड़ी सूचना इकट्ठा करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि टैक्स विभाग को ऐसे कदम उठाने की जरूरत नहीं है। टैक्स विभाग को विभिन्न एजेंसियों से सूचना और आंकड़े हासिल करने की ताकत मिली हुई है। इसके साथ ही बड़े लेन-देन करने वालों के बारे में सूचना हासिल करने के लिए उसके पास एक मजबूत डाटा एनालिटिक्स प्रणाली भी है।

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इनकम टैक्स विभाग की नीति बनाने वाली सीबीडीटी के प्रमुख से पूछा गया था कि लोगों की अघोषित आय और खर्च से जुड़े व्यवहार पर सूचना हासिल करने के लिए क्या इनकम टैक्स विभाग फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया पर उनके अकाउंट्स की जांच करता है। पिछले कुछ समय से मीडिया की चर्चा में इस तरह की बात कही जाती रही है कि टैक्स अधिकारी सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिये यह पता लगाते हैं कि किस व्यक्ति ने विदेश यात्रा पर बड़ा खर्च किया है या क्या कोई अपनी महंगी खरीदारी को लेकर सोशल मीडिया पर दिखावा करता है। चर्चा के मुताबिक इस तरह से विभाग यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता है कि ऐसे लोग वाजिब टैक्स का भुगतान करें।

पीसी मोदी ने कहा कि यह एक गलतफहमी है। हमें सोशल मीडिया पर जाने की क्या जरूरत है? हमें ऑटोमैटिक तरीके से खुद ही किसी व्यक्ति की विदेश यात्रा और अन्य वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिलती रहती है। सीबीडीटी ने एक अत्याधुनिक डाटा एनालिटिक्स प्रणाली स्थापित की है, जो आंकड़ों का विश्लेषण कर बताता है कि किस जगह पर टैक्स लगाया जाना चाहिए और किन आंकड़ों के मामले में राहत दी जा सकती है। टैक्स विभाग ने इस नई प्रणाली का नाम प्रोजेक्ट इनसाइट रखा है।

मोदी ने कहा कि इस प्रणाली के सहयोग से विभाग अब एसएमएस पर आधारित एक सेवा शुरू करने पर काम कर रहा है। इसके तहत करदाता को उसके द्वारा किए गए 18 प्रकार के ऐसे लेन-देन के बारे में बताया जाएगा, जो एक निश्चित सीमा से ऊपर के होंगे। इसके तहत करदाताओं को सिर्फ सतर्क किया जाएगा कि टैक्स विभाग को इन सब की सूचना है। इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय वे इन लेन-देन का भी उल्लेख सुनिश्चित करें और उन पर वाजिब टैक्स का भुगतान भी करें। विभाग ने कुछ निश्चित श्रेणी के करदाताओं के लिए पहले से भरे हुए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म की सुविधा भी शुरू की है। हम प्रक्रिया को जटिलता से मुक्त करना चाहते हैं। विभाग ये लेन-देन की सूचनाएं बैंक, म्यूचुअल फंड्स, क्रेडिट कार्ड कंपनी, सब-रजिस्ट्रार, आदि जैसी एजेंसियों से हासिल करता है।


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