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अब वक्त फाइनेंशियल प्लानिंग का

चालू वित्त वर्ष 2015-16 समाप्त होने में चंद महीने बचे हैं। लिहाजा अब वक्त आ गया है जब आप अपनी वित्तीय प्लानिंग को अंतिम रूप दे दें। अगर आपने चालू वित्त वर्ष में मिलने वाली टैक्स रियायतों के अनुरूप निवेश नहीं किया है तो अभी आपके पास चार महीने का

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2015 11:35 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2015 11:37 AM (IST)
अब वक्त फाइनेंशियल प्लानिंग का

चालू वित्त वर्ष 2015-16 समाप्त होने में चंद महीने बचे हैं। लिहाजा अब वक्त आ गया है जब आप अपनी वित्तीय प्लानिंग को अंतिम रूप दे दें। अगर आपने चालू वित्त वर्ष में मिलने वाली टैक्स रियायतों के अनुरूप निवेश नहीं किया है तो अभी आपके पास चार महीने का वक्त है जिनमें इसका लाभ उठाया जा सकता है। आइए समझते हैं कि कैसे और किन टैक्स धाराओं के तहत आप अधिक कर बचत कर सकते हैं।

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धारा 80डी की छूट

आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत पिछले साल तक मेडिकल इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम पर टैक्स में सालाना 15,000 रुपये की छूट मिलती थी। इसे इस वित्त वर्ष से बढ़ाकर 25,000 कर दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आप इस वर्ष 10000 रुपये अधिक प्रीमियम का अदा करते हैैं और आप तीस फीसद आयकर स्लैब में आते हैं तो आपकी अतिरिक्त टैक्स बचत 3,000 रुपये होगी। दस फीसद के स्लैब में आने वाले लोगों को अतिरिक्त 1,000 रुपये की टैक्स बचत का लाभ मिलेगा। इनके पास पहले से ही मेडिकल इंश्योरेंस है। उनका प्रीमियम 25,000 रुपये से कम है तो वे अतिरिक्त टैक्स बचत का लाभ उठाने के लिए स्वास्थ्य बीमा राशि को बढ़वा सकते हैं।

धारा 80सीसीडी

उपरोक्त रियायतों के अतिरिक्त वित्त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष में पेंशन में योगदान करने पर अधिक टैक्स छूट का प्रावधान किया है। यदि एनपीएस स्कीम में निवेश करते हैं तो आप साल भर में आय में से अधिकतम 50,000 रुपये की कटौती पा सकते हैं। यह बचत धारा 80 सी के तहत मिलने वाली अधिकतम 1.5 लाख की टैक्स छूट से अतिरिक्त होगी। टैक्स स्लैब की ऊपरी सीमा में इस के जरिये टैक्स में 15,000 बचा सकते हैं।

वैकल्पिक स्नोत

एनपीएस के अतिरिक्त कुछ बीमा और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी पेंशन या रिटायरमेंट प्लान चला रही हैं। लेकिन ये प्लान पेंशन नियामक के दायरे में नहीं आते। इस तरह की अन्य स्कीमों के अतिरिक्त नियोक्ता की तरफ से ईपीएफ, रिटायरमेंट ग्रेच्युटी जैसी स्कीमें भी चलाई जाती हैं। रिटायरमेंट बेनिफिट्स के लिए पीपीएफ को भी टैक्स बचत का आधार बनाया जा सकता है। लेकिन इसमें कई गई बचत पर धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।

अनिल चोपड़ा

ग्रुप सीईओ व डायरेक्ट,बजाज कैपिटल


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