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तेज होगी स्वास्थ्य बीमा की रफ्तार

वित्त मंत्री के बजट प्रस्तावों का हेल्थ बीमा क्षेत्र पर क्या प्रभाव देखते हैं आप? -वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट प्रस्ताव निश्चित ही स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र को प्रगति के रास्ते पर ले जाने वाले हैं। कर रियायतों की सीमा बढ़ाने से अब स्वास्थ्य बीमा उद्योग को ऊंची बीमा राशि का

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 09:39 PM (IST)

वित्त मंत्री के बजट प्रस्तावों का हेल्थ बीमा क्षेत्र पर क्या प्रभाव देखते हैं आप?
-वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट प्रस्ताव निश्चित ही स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र को प्रगति के रास्ते पर ले जाने वाले हैं। कर रियायतों की सीमा बढ़ाने से अब स्वास्थ्य बीमा उद्योग को ऊंची बीमा राशि का प्रस्ताव करने में मदद मिलेगी। हालांकि सेवा कर की बढ़ी हुई दर बीमा उद्योग की लागत बढ़ाएगी। अगर दो फीसद का स्वच्छ भारत सेस बीमा उत्पादों पर भी लगता है तो इनकी कीमत बढ़ सकती है, मगर यह अभी स्पष्ट नहीं है।

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क्या वरिष्ठ नागरिकों के लिए मिली छूट का मतलब यह निकाला जाए कि भविष्य में इस वर्ग के लिए ज्यादा पॉलिसियां आएंगी?
-वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ बीमा प्रीमियम पर छूट को मौजूदा 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। बजट का यह प्रावधान अब ऊंची बीमित राशि की पॉलिसियां लाने में कंपनियों को मदद देगा। यह कदम सकारात्मक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेची जाने वाली पॉलिसियों की बिक्री में भी वृद्धि हो। इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि केवल वही लोग वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य बीमा स्कीमें ले पाएंगे जो ऊंचा प्रीमियम भर सकते हैं। भारत में ऐसे लोगों की संख्या अभी बेहद कम है।

तो क्या भविष्य में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कम प्रीमियम वाली स्कीमें भी आ सकती हैं?
-सरकार के बजट में सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड के गठन का प्रस्ताव है। इस फंड का इस्तेमाल वृद्धजन, पेंशनरों, गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों और छोटे व सीमांत किसानों के प्रीमियम पर सब्सिडी देने के लिए करने का प्रस्ताव है। लेकिन यह केवल गरीब लोगों के लिए ही है। जबकि मध्य व उच्च मध्य वर्ग को इलाज पर आने वाले ऊंचे खर्च से अब तक कोई राहत नहीं है। इसलिए जब तक देश में मेडिकल इंफ्लेशन इंडेक्स नहीं बन जाता, वरिष्ठ नागरिकों के लिए सस्ती स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी अभी दूर का सपना ही लगती है। इस स्थिति में अभी तत्काल किसी बदलाव की उम्मीद नहीं दिखती।

बजट के बाद अब स्टार हेल्थ की क्या रणनीति होगी?
-देखिए, ग्राहकों की संतुष्टि हमारा मुख्य ध्येय है। बजट प्रस्तावों के बाद अब कंपनी कुछ नए उत्पाद लाने पर विचार कर रही है, जिनमें वे बीमारियां भी शामिल की जाएंगी जो अभी तक हेल्थ बीमा के दायरे में शामिल नहीं थीं। ये पॉलिसियां ऐसे डिजाइन की जा रही हैं जिससे न केवल ग्राहक की कवरेज का दायरा बढ़ता है, बल्कि वे कर छूट का भी अधिकतम लाभ ले पाएंगे। समय-समय पर हम अपने ग्राहकों के लिए बेहतर रणनीति के अनुरूप काम करते रहेंगे।

अब यहां से आप स्वास्थ्य बीमा उद्योग का कैसा विकास देखते हैं?
-बेशक बीमा क्षेत्र की रफ्तार मौजूदा दर से कहीं तेज रहेगी। साथ ही, उद्योग की तरफ से अब केवल अस्पताल में भर्ती होने के बाद की सुविधाओं के अलावा ज्यादा ‘वेलनेस’ के तत्व दिखना शुरू होंगे। इसलिए हमें उद्योग का भविष्य बेहद सकारात्मक व आत्मविश्वास से भरपूर दिखता है। उद्योग के विकास का ग्राफ भी ऊपर की ओर जाता दिख रहा है।

वी जगन्नाथन
सीएमडी, स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस

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