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साइबर हमले से बचने के लिए कंपनियां देती हैं साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी, जानिए इसके फायदे

हाल के ही वर्षों मेें तेजी से बढ़े साइबर हमलों ने लोगों की चिंताओं में इजाफा किया है, लेकिन इसके लिए बाकायदा इंश्योरेंस पॉलिसियां भी उपलब्ध हैं

By NiteshEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 03:30 PM (IST)
साइबर हमले से बचने के लिए कंपनियां देती हैं साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी, जानिए इसके फायदे
साइबर हमले से बचने के लिए कंपनियां देती हैं साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी, जानिए इसके फायदे

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। हाल ही में कई साइबर क्राइम होने के बाद लोग साइबर सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गए हैं। ज्यादातर डिजिटल होने के दौर में हैकर्स साइबर क्राइम करने के लिए नई-नई तरकीब निकाल लेते हैं। ऐसे में साइबर हमले का शिकार बनने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इससे बचने का एक तरीका है साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी। भारत में बजाज एलियांज सहित कई बीमा कंपनी ऐसी बीमा पॉलिसी की पेशकश कर रही है जिससे आपको राहत मिलेगी. हम इस खबर में आपको साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में बता रहे हैं।

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क्या होगा कवर?

स्कीम को साइबर हमले के कारण संबंधित खर्चों को कवर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसे, वित्तीय घाटा, साइबर हमलों के कारण पॉलिसीधारक को ऑनलाइन नुकसान गए धन की रिकवरी पॉलिसी में कवर की जाती है। एक्सपर्ट का मानना है कि इस प्रकार की नीतियां निश्चित रूप से बहुत मदद करेंगी, क्योंकि भारत तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है और नेट बैंकिंग और कई अन्य ऑनलाइन लेनदेन प्रणालियों का उपयोग भी बहुत बढ़ गया है। इसमें साइबर हमले के संबंध में सलाहकार शुल्क, अदालती खर्च और कानूनी शुल्क का भी ध्यान रखा जाता है। फिशिंग, ईमेल स्पूफिंग, सोशल मीडिया पर पहचान की चोरी से होने वाली क्षति, साइबर स्टॉकिंग (किसी को बार-बार ई-मेल भेजकर धमकाना), मैलवेयर अटैक के कारण नुकसान।

क्या नहीं होता है कवर?

यदि साइबर अटैक जानबूझकर किया गया है तो नीति के तहत किसी भी दावे का भुगतान नहीं करेगी। ऐसे में बीमाकर्ता किसी भी धोखाधड़ी, बेईमानी या दुर्भावनापूर्ण तरीके से किए गए हमले कवर नहीं करते हैं। धोखाधड़ी या बेईमानी की गतिविधि, शारीरिक चोट, प्रॉपर्टी को नुकसान, प्रतिभूतियों, विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी इत्यादि से जुड़े नुकसान।

ध्यान रखें कि आप कवर खरीदने के बाद भी लापरवाही का रवैया नहीं रख सकते हैं। जैसे ही आपको अपने खाते में अनधिकृत लेनदेन की खबर मिलती है आप तुरंत इसकी जानकारी बैंक को दें। 


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