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सही बीमा कवर के सात सूत्र

जो लोग बीमा को आवश्यक मानते हैं उनके लिए भी बीमा की सही राशि का आकलन करना कठिन होता है, जबकि यह बीमा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। यदि आपने गलत गणना की तो इससे आपके परिवार के लिए मुश्किल हो सकती है। अगर आप पर कुछ लोगों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 11:46 PM (IST)Updated: Mon, 27 Oct 2014 05:06 AM (IST)
सही बीमा कवर के सात सूत्र

जो लोग बीमा को आवश्यक मानते हैं उनके लिए भी बीमा की सही राशि का आकलन करना कठिन होता है, जबकि यह बीमा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। यदि आपने गलत गणना की तो इससे आपके परिवार के लिए मुश्किल हो सकती है।

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अगर आप पर कुछ लोगों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है, तो जीवन बीमा आपकी वित्तीय प्लानिंग का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए। बीमा का उद्देश्य पूरा हो, इसके लिए आवश्यक है कि आप उपयुक्त कवरेज वाली उचित पॉलिसी का चुनाव करें। यहां हम कुछ कदम सुझा रहे हैं, जिनके जरिये आप ऐसा कर सकते हैं।

1 उचित राशि की गणना करें:

बीमा की सही राशि का आकलन करना कठिन होता है। जबकि यह बीमा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। क्योंकि यदि आपने गलत गणना की तो इससे आपके परिवार के लिए मुश्किल हो सकती है। सही राशि कई बातों पर निर्भर करती है। मसलन, कितने लोग आप पर आश्रित हैं। आपका जीवन साथी कमा रहा है या नहीं। आपके बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं और कर रहे हैं तो उनकी शिक्षा पर कितना खर्च आ रहा है। आपके पास कितनी संपत्ति तथा आय के साधन हैं वगैरह-वगैरह। इसके अलावा आपको अपनी जीवनशैली तथा भविष्य की वित्तीय जरूरतों को भी ध्यान में रखना होगा, जैसे कि परिवार में किसी की शादी, वगैरह।

2 लागत पहलू पर नजर डालें:

बीमा पॉलिसी का चयन करते वक्त उस पर आने वाली लागत पर गौर करना भी जरूरी है। मसलन, प्रीमियम, लिखा-पढ़ी का खर्च, मॉर्टलिटी शुल्क, फंड मैनेजमेंट चार्जेज तथा राइडर चार्जेज इत्यादि। बीमा पॉलिसियों को ज्यादा आकर्षक और निवेशक अनुकूल बनाने के लिए बीमा नियामक इरडा ने हाल में इन शुल्कों में कई परिवर्तनों की घोषणा की है। आपको यह भी देखना होगा कि यदि एजेंट के बजाय पॉलिसी ऑनलाइन खरीदें तो सारे शुल्कों को मिलाकर कुल कितना खर्च पॉलिसी पर आ रहा है। आजकल ज्यादातर सावधि बीमा पॉलिसियां ऑनलाइन उपलब्ध है। समान प्रकार के अन्य उत्पादों के साथ अपनी पॉलिसी की तुलना करें। यह भी देखें की आपकी बीमा कंपनी कहीं आपसे अनावश्यक रूप से ज्यादा शुल्क तो नहीं वसूल रही। हालांकि महज सस्ते के चक्कर में किसी कंपनी की पॉलिसी खरीद लेना भी समझदारी नहीं होगी।

3 बीमा कंपनी को जानें:

हम बीमा खुद को और अपने परिवार को भविष्य की अनिश्चितताओं के विरुद्ध वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए खरीदते हैं। मगर कभी आपने उस स्थिति के बारे में सोचा है, जिसमें बीमा के बावजूद किसी कारणवश आपके परिवार को वह रकम न मिले जिसके वे हकदार हैं? इससे बचने के लिए पॉलिसी लेने से पहले अच्छी तरह बीमा कंपनी, उसके इतिहास, पॉलिसियों, शर्तो, आदि के बारे में जांच-पड़ताल कर लें। अपने मित्रों, रिश्तेदारों एवं सहयोगियों से विभिन्न बीमा कंपनियों के बारे में उनके अनुभव पूछें। उनके क्लेम सेटलमेंट रेशियो (प्राप्त दावों के मुकाबले निपटाए गए दावों का प्रतिशत) की पड़ताल करें। यदि सौ लोगों ने दावे पेश किए और अस्सी को उनका पैसा मिल गया है तो क्लेम सेटलमेंट रेशियो 80 फीसद होगा। यह रेशियो जितना अधिक हो, उतना अच्छा। बीमा एजेंट तरह-तरह के लुभावने प्रस्ताव पेश करते हैं। लेकिन आप महज उनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में न आएं। खुद देखें-समझें और तब फैसला लें।

4 अतिरिक्त प्रस्तावों को समझें:

बीमा प्रस्तावों के साथ जुड़े अतिरिक्त प्रस्तावों (राइडर्स) और उन पर आने वाली लागत की पड़ताल करें। यदि बीमा कंपनी की ओर से कोई राइडर नहीं है तो अपनी तरफ से अनुरोध करें और देखें कि कंपनी उसे स्वीकार करती है या नहीं। अनेक बीमा कंपनियां राइडर प्रदान करती हैं। जैसे कि दुर्घटना मृत्यु राइडर, जिसमें पॉलिसी अवधि के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर जीवन बीमा का कवर दोगुना हो जाता है। इसी प्रकार पॉलिसी के ऊपर दिए गए डिस्क्लेमर्स को भी ठीक से पढ़ें। पॉलिसी दस्तावेज को पूरा पढ़ना एक उबाऊ काम लग सकता है। इसमें जरा सा अतिरिक्त समय देकर आप लंबी अवधि में बड़ा लाभ उठा सकते हैं और बीमा कंपनी के साथ भविष्य में होने वाले किसी विवाद से बच सकते हैं।

5 ज्यादा पॉलिसियां न खरीदें:

जरूरत से ज्यादा जीवन बीमा पॉलिसियां खरीदना भी समझदारी नहीं है। कई लोग आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स बचाने के चक्कर में धड़ाधड़ कई बीमा पॉलिसियां खरीद डालते हैं। यह अच्छी बात नहीं हैं, क्योंकि कई मर्तबा अधिक पॉलिसियों को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। पहली दिक्कत तो इनके प्रीमियम की तारीखें याद रखने में आ सकती है। लिहाजा, यदि कई पॉलिसी लेनी ही हैं तो ईसीएस का विकल्प चुने ताकि नियत तारीखों पर आपका बैंक आपकी ओर से प्रीमियम भरता रहे।

6 मदद लेने में संकोच न करें :

हो सकता है कि बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए आपके पास वक्त, सहूलियत या इच्छाशक्ति न हो। ऐसी स्थिति में किसी एजेंट, वित्तीय सलाहकार से मदद लेने में कोई हर्ज नहीं है। वे सही निर्णय लेने में आपकी मदद कर सकते हैं।

7 बीमा जरूरत को पुन: आंकें:

आपके हालात कभी भी बदल सकते हैं। हो सकता है कि आपने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी शादी के वक्त ली हो। अब आपको एक बच्चा हो चुका है। ऐसे में आपको अपनी पॉलिसी की राशि पर नए सिरे से निगाह दौड़ाने की जरूरत है। यह भी देखें कि आपने कौन सी पालिसी ली है और उसकी अवधि क्या है। यदि पॉलिसी दस साल की है तो इस अवधि से पहले अपनी जरूरतों का पुन: आकलन करना जरूरी है।

आशीष वोहरा

सीनियर डायरेक्टर एवं चीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस

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