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Life insurance अगर लैप्‍स हो जाए तो क्‍या है उसे चालू करने का तरीका, जानिए यहां

Life insurance खरीदने के साथ समय पर उसका प्रीमियम चुकाना भी जरूरी है। ऐसा न करने पर पॉलिसी Lapse हो जाती है। ऐसे में पॉलिसी के रिवाइवल की जरूरत होती है। पॉलिसी लैप्स होने पर उसे किस तरह से दोबारा चालू किया जाए इसके कई तरीके हैं।

By Ashish DeepEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 07:10 AM (IST)
Life insurance अगर लैप्‍स हो जाए तो क्‍या है उसे चालू करने का तरीका, जानिए यहां
LIC Policy Lapse होने का क्‍या मतलब है। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Life insurance खरीदने के साथ समय पर उसका प्रीमियम चुकाना भी जरूरी है। ऐसा न करने पर पॉलिसी Lapse हो जाती है। ऐसे में पॉलिसी के रिवाइवल की जरूरत होती है। पॉलिसी लैप्स होने पर उसे किस तरह से दोबारा चालू किया जाए, इसके कई तरीके हैं। आइए जानते हैं LIC Policy Lapse होने का क्‍या मतलब है और इसे कैसे दोबारा शुरू कर सकते हैं।

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Ordinary/Simple Revival of Insurance Policy

इस स्कीम में लैप्स पॉलिसी को आसानी से पुनर्जीवित (revive) किया जा सकता है। हां, प्रीमियम के साथ ब्याज भी भरना होगा। जरूरी है कि पॉलिसीधारक पॉलिसी लैप्से होने की तारीख से 6 महीने के अंदर-अंदर ऐसा कर लें। LIC उस व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कोई दस्तावेज नहीं मांगेगी जो बीमाधारक (Policy holder) है।

Medical Basis Policy Revival

ऐसी पॉलिसी, जिनका Ordinary Revival Scheme या Non-Medical Basis पर रिवाइवल नहीं हो सकता तब LIC द्वारा पूछे गए मेडिकल रिकॉर्ड और दूसरे सवालों का जवाब देकर आप फिर से पॉलिसी को पुनर्जीवित कर सकते हैं।

Special Revival Scheme of Policy

Policyholder रिवाइवल के समय आयु के मुताबिक एकल प्रीमियम का पेमेंट करेगा। विशेष पुनरुद्धार योजना का फायदा तभी उठा सकते हैं जब पूरा प्रीमियम चुकाते हैं। इस स्कीम के तहत, बीमा कंपनी अच्छे स्वास्थ्य और कुछ मेडिकल रिकॉर्ड की घोषणा करने के लिए आपसे कह सकती है।

Installment Revival Scheme of LIC Policy

यह बेहतर Revival plan है। यह योजना उन लोगों के लिए है जो प्रीमियम का भुगतान एकसाथ नहीं कर सकते। व्यक्ति Installment Revival Scheme का ऑप्शन चुनते हैं। अगर आप ये स्कीम चुनने जा रहे है तो कुछ तरीके हैं, जिनके माध्यम से आप इसे जारी रख सकते हैं।

  1. yearly premium payment के लिए, व्यक्ति को वार्षिक भुगतान की रकम देनी होगी।
  2. half-yearly premium payment में साल में दो बार प्र‍ीमियम दे सकते हैं।
  3. quarterly premium payment में हर तिमाही प्रीमियम देना होता है।

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