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अब ले ही डालें हेल्थ बीमा पॉलिसी

अच्छा स्वास्थ्य व उसकी देखरेख में दिन-ब-दिन हम सबकी दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखना हम सबके जीवन का अभिन्न अंग है। मगर इस तथ्य का भी ध्यान रखना होगा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अक्सर अचानक सामने आती हैं। ये न केवल हमारे जोश को ठंडा कर देती

By Edited By: Published: Sun, 15 Mar 2015 07:49 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2015 10:00 PM (IST)
अब ले ही डालें हेल्थ बीमा पॉलिसी

अच्छा स्वास्थ्य व उसकी देखरेख में दिन-ब-दिन हम सबकी दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखना हम सबके जीवन का अभिन्न अंग है। मगर इस तथ्य का भी ध्यान रखना होगा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अक्सर अचानक सामने आती हैं। ये न केवल हमारे जोश को ठंडा कर देती हैं, बल्कि बीमारी या चोट लगने पर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में हमारी जेब को भी निचोड़ लेती हैं। सीधा सा मतलब है कि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए और बचत करनी चाहिए।

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यदि आपके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है और आप उधार लेकर कर्ज में भी नहीं फंसना चाहते तो बेहतर है कि पर्याप्त कवर वाला हेल्थ बीमा ले लें, क्योंकि केवल यही अचानक आने वाले अस्पताल के खर्चों से आपको निजात दिला सकता है। इसके जरिये न केवल बढ़िया इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि उपचार के बड़े खर्चों के बाद भी अपना सुकून गंवाने से बच सकते हैं।

इलाज पर बढ़ता खर्च
इलाज का बढ़ता खर्च सभी की चिंता का विषय बनता जा रहा है। चूंकि अच्छा इलाज समय की मांग है, इसलिए आपको वित्तीय रूप से सक्षम होना चाहिए। चिकित्सा खर्च में हो रही मौजूदा वृद्धि दर के अनुसार आकलन करें तो नया घुटना लगवाने (नी रिप्लेसमेंट) का जो खर्च अभी चार लाख रुपये है, वह 2022 तक बढ़कर 14 लाख रुपये भी ज्यादा हो जाएगा। इसी प्रकार लिवर ट्रांसप्लांट का 30 लाख रुपये का वर्तमान खर्च 2022 तक एक करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच जाने की संभावना है।

निवेश नहीं, सुरक्षा
ऐसे लोगों की तादाद काफी है, जो स्वास्थ्य बीमा को निवेश के तौर पर देखते हैं। और याद रखें, हेल्थ इंश्योरेंस केवल टैक्स बचाने या पैसे निवेश करने का जरिया भर नहीं है। यह आपकी बचत को सुरक्षित रखने का ऐसा साधन है, जिसमें पैसे की बढ़त नहीं होती। चिकित्सा खर्चों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स की छूट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया है। बुजुर्गों के मामले में छूट की सीमा 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दी गई है। ऐसा लोगों को स्वास्थ्य बीमा अपनाने के लिए प्रेरित करने और इसमें उचित निवेश को बढ़ावा देने के मकसद से किया गया है। इससे उन्हें जरूरत के वक्त अस्पताल संबंधी खर्च पूरे करने में दिक्कत नहीं आएगी।

नए उत्पाद, नई विशेषताएं व सेवाएं
भारत का स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र अभी शैशवावस्था में है और धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। लेकिन स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में चुनाव के लिए कई उत्पाद उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ पॉलिसियां बीमित राशि के अलावा विश्वव्यापी चिकित्सा कवरेज व यहां तक कि अस्पताल में भर्ती होने की दशा में होने वाले गैर मेडिकल खर्चों को पूरा करने के लिए दैनिक दैनिक भत्ते जैसे व्यापक विकल्प उपलब्ध कराती हैं। अब तो ऐसे हेल्थ बीमा उत्पाद भी आ गए हैं, जो कैंसर पर मधुमेह जैसी कठिन बीमारियों के इलाज का खर्च भी वहन करते हैं। इसलिए यदि आपने अभी तक अपने व अपने परिवार के सदस्यों के लिए हेल्थ बीमा पॉलिसी नहीं ली है तो अभी ले लीजिए। इससे निश्चित रूप से आपको एक बड़ी चिंता से मुक्ति मिलेगी।

इन बातों का ध्यान
-तय कीजिए कि आप व आपके परिवार को कितने हेल्थ कवर की जरूरत है। क्योंकि यह जरूरी नहीं कि जितनी राशि (मसलन चार लाख रुपये) आपके मित्र के लिए पर्याप्त हो, उतना ही कवरेज आपके लिए भी काफी हो।
-सुनिश्चित कर लें कि आपने जितना कवर लिया है, वह आगे आने वाले चिकित्सा खर्चों के अनुरूप है। क्योंकि अभी पर्याप्त लगने वाला पांच लाख रुपये का कवर पांच साल बाद अपर्याप्त साबित हो सकता है।
-यदि आप समझते हैं कि आपकी कंपनी द्वारा दिया जा रहा हेल्थ इंश्योरेंस काफी है तो ऐसा जरूरी नहीं है। इसलिए एक हेल्थ बीमा पॉलिसी अलग से भी ले लेना बेहतर रहेगा, ताकि यदि कंपनी की पॉलिसी खर्चों को कवर न कर पा रही हो तो आपकी व्यक्तिगत पॉलिसी काम आ जाए।
-हो सकता है विभिन्न हेल्थ इंश्योरेंस उत्पादों की विशेषताओं व प्रीमियम में ज्यादा फर्क न हो। इसलिए विभिन्न हेल्थ बीमा कंपनियों की सर्विस क्वालिटी पर विशेष रूप से गौर करें और उसके मुताबिक उत्पाद का चुनाव करें।
अनुज गुलाटी
एमडी एवं सीईओ रेलीगेयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड

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