बड़े काम की बाल बीमा पॉलिसी
वित्तीय योजना का मूल मंत्र है कि जितनी जल्दी हो सके बचत और निवेश शुरू कर दिया जाए। साथ ही, उसे लंबी अवधि तक नियमित रूप से जारी भी रखा जाए। इस लिहाज से चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान अभिभावकों की दीर्घकालिक जरूरतों की पूर्ति के लिए एकदम आदर्श हैं।
वित्तीय योजना का मूल मंत्र है कि जितनी जल्दी हो सके बचत और निवेश शुरू कर दिया जाए। साथ ही, उसे लंबी अवधि तक नियमित रूप से जारी भी रखा जाए। इस लिहाज से चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान अभिभावकों की दीर्घकालिक जरूरतों की पूर्ति के लिए एकदम आदर्श हैं।
बच्चे ईश्वर का वरदान होने के साथ ही अक्सर मांग-बाप के जीवन का मुख्य सहारा होते हैं। सभी अभिभावक अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ देकर उनके जीवन की बुनियाद मजबूत करना चाहते हैं। इसके लिए वे बिना थके दिन-रात काम करते हैं, ताकि बच्चों को अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार मिल सकें और वे देश के श्रेष्ठ, जिम्मेदार और उत्पादक नागरिक बन सकें।
बच्चों के लिए देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए मां-बाप को पैसों की बचत करनी होती है।
यह भी देखना होता है कि बचत के इन पैसों में वक्त के साथ पर्याप्त बढ़ोतरी हो, क्योंकि समय के साथ-साथ खर्च बढ़ते जाते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि बच्चों के मुताबिक तय किए गए दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुकूल उचित वित्तीय उपकरणों में निवेश हो रहा है या नहीं। अक्सर देखने में आता है कि मां-बाप बच्चों के लिए वित्तीय योजना बनाने में देर कर देते हैं।
वे अल्प अवधियों के लिए निवेश करते हैं, जिनका सीमित लाभ मिलता है। ऐसे अनेक उदाहरण भी देखने में आते हैं, जहां बच्चों के भविष्य की खातिर अभिभावक न केवल गलत वित्तीय योजनाएं बनाते हैं, बल्कि इस चक्कर में अपने अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों की बलि दे देते हैं, जैसे कि अपनी सेवानिवृत्ति।
वित्तीय योजना का मूल मंत्र ही यह है कि न केवल जितनी जल्दी हो सके बचत और निवेश शुरू कर दिया जाए, बल्कि उसे लंबी अवधि तक नियमित रूप से जारी भी रखा जाए।
इस लिहाज से बाल बीमा योजना यानी चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान अभिभावकों की दीर्घकालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एकदम आदर्श हैं। अन्य वित्तीय विकल्पों के मुकाबले इनके फायदे अनोखे ही नहीं, ज्यादा भी हैं। बाल बीमा योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अभिभावकों की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में ये संपत्ति सृजन के चक्र को टूटने नहीं देतीं और उन्हें चालू रखती हैं।
अभिभावकों की मृत्यु की स्थिति में पॉलिसीधारक को एकमुश्त राशि मुहैया कराने के अलावा इनसे जुड़ी बीमा कंपनियां पॉलिसीधारक की तरफ से कोष में लगातार निवेश करती रहती हैं। इनमें ‘प्रीमियम लाभ से छूट’ का प्रावधान होने के कारण ऐसा संभव होता है। इस तरह इन योजनाओं के जरिये बच्चों का भविष्य सुनिश्चित व सुरक्षित होने के साथ-साथ अभिभावकों के सपने भी पूरे होते हैं।
बाल बीमा योजनाएं किफायती भी होती हैं। अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार आप विभिन्न प्रकार की बाल बीमा योजनाओं में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं। बाजार में परंपरागत से लेकर यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं तक कई तरह की बाल बीमा योजनाएं उपलब्ध हैं।
परंपरागत बाल बीमा योजनाओं में गारंटीशुदा परिपक्वता राशि प्राप्त होती है। इनके पैसों का निवेश जोखिम रहित सरकारी प्रतिभूतियों व सुरक्षित उपकरणों जैसे कि उच्च रेटिंग वाले कारपोरेट बांडों में किया जाता है। यूनिट लिंक्ड योजनाओं के पैसे निवेश डेट और इक्विटी दोनों तरह के बाजारों लगाए जाते हैं।
जिन लोगों की जोखिम वहन करने की क्षमता कम होती है और जिन्हें वित्तीय मामलों की भी ज्यादा जानकारी नहीं होती, वे परंपरागत योजनाओं का ही चुनाव करना पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें सुरक्षित तथा गारंटीशुदा रिटर्न की जरूरत होती है।
दूसरी ओर, वित्तीय मामलों के जानकार ग्राहक न केवल दीर्घकालिक निवेश की सोचकर निवेश करते हैं, बल्कि उनके अंदर इविक्टी बाजारों से जुड़े जोखिम उठाने का माद्दा भी होता है। ऐसे ग्राहक यूनिट लिंक्ड योजनाओं का चयन करते हैं, क्योंकि इनमें लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता होती है।
क्षितिज जैन
एमडी एवं सीईओ
एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस